नई दिल्ली [अमन न्यूज नेवार्क ] एचसीएल टेक्नोलॉजीज की सीएसआर (कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी) शाखा, एचसीएल फाउंडेशन (एचसीएलएफ) ने आज एचसीएल ग्रांट के सातवें संस्करण में विजेता के रूप में चुने गए NGOs की घोषणा की, जो ग्रामीण भारत में पर्यावरण, स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में स्थायी बदलाव लाने के लिए NGOs की विविधतापूर्ण, कुछ नया कर दिखाने वाली तथा सभी को शामिल करने वाली मुहिम में सहायता के लिए समर्पित एक प्रमुख कार्यक्रम है।
पर्यावरण, स्वास्थ्य एवं शिक्षा के विकास की श्रेणियों में 3 विजेता NGOs में से प्रत्येक को तीन से पांच साल की परियोजना के लिए ₹5 करोड़ (671,140 डॉलर) की राशि प्रदान की गई। प्रत्येक श्रेणी से फाइनल राउंड तक पहुंचने वाले दो-दो NGOs में से प्रत्येक को एक साल के लिए ₹25 लाख (33,557 डॉलर) का अनुदान दिया जाएगा, और इस तरह कुल मिलाकर ₹16.5 करोड़ (2.21 मिलियन डॉलर) का अनुदान दिया जाएगा।
एचसीएल ग्रांट की स्थापना वर्ष 2015 में हुई थी, जो भारत के सबसे बड़े और सबसे सम्मानित संस्थागत सीएसआर अनुदानों में से एक के रूप में उभरकर सामने आया है, और इसके माध्यम से देश के पांचवें स्तंभ – यानी गैर-सरकारी संगठनों को विकसित होने में सहायता दी जाती है। एचसीएल ग्रांट के माध्यम से भारत के सबसे ज्यादा इनोवेटिव NGOs तथा पर्यावरण, स्वास्थ्य एवं शिक्षा में उनकी कारगर परियोजनाओं को सहायता दी जाती है, जो देश भर में ग्रामीण समुदायों में बदलाव लाने में मदद कर रहे हैं।
HCLF ने अपने एचसीएल ग्रांट कार्यक्रम के माध्यम से अब तक कुल मिलाकर ₹95.75 करोड़ (12.85 मिलियन डॉलर) का अनुदान दिया है, जिसमें इस साल दिया गया अनुदान भी शामिल है। पिछले 6 सालों के दौरान, 840,000 से ज्यादा लोग एचसीएल ग्रांट से लाभ प्राप्त कर चुके हैं और इसने भारत के 19 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के 30,000 + गाँवों में रहने वाले तकरीबन 2.3 मिलियन लोगों के जीवन में बदलाव लाना जारी रखा है।