ठाणे [ युनिस खान ] बढ़ती महंगाई के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार करते हुए राष्ट्रवादी महिला कांग्रेस की ठाणे , पालघर अध्यक्ष रुता जितेन्द्र आव्हाड के नेतृत्व में महिलाओं ने जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष जोरदार आंदोलन किया। आन्दोलन में शामिल महिलाओं ने कहा कि हर चुनाव में नए-नए ऐलान हो रहे हैं लेकिन महंगाई कम नहीं हो रही है। अब हम इस घोषणा का इंतजार कर रहे हैं कि महंगाई कब कम होगी।
पेट्रोल और डीजल सहित अन्य वस्तुओं की कीमतों में लगातार वृद्धि के साथ, पिछले कुछ महीनों में मुद्रास्फीति तेज हो गई है। घरेलू और व्यावसायिक उपयोग के गैस सिलेंडर और घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतें भी बढ़ रही हैं। लॉकडाउन के बाद जहां आम आदमी की जिंदगी पहले से ही असहनीय हो गई है, वहीं अब सरकार ने घरेलू सिलेंडर के दाम भी बढ़ा दिए हैं सिलेंडर के दाम बढ़ने से गृहिणी का आर्थिक बजट चरमरा गया है। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। महंगाई की मार, वेतन में कटौती, नौकरी जाने का डर, पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ती कीमत, सस्ती मौत और बढ़ते पेट्रोल ने लोगों का ध्यान खींचा है।
रुता आव्हाड ने कहा, महंगाई को लेकर काफी आंदोलन किया गया। आंदोलन में बैलगाड़ियों, सिलेंडरों और चूल्हों पर रोटी जलाना भी शामिल था। लेकिन अब चूल्हा जलाने के लिए मिट्टी का तेल भी नहीं मिलता है उज्ज्वला योजना की काफी चर्चा हुई थी। पेट्रोल पंपों पर अभी भी पोस्टर देखे जा सकते हैं। उज्ज्वला योजना में कितने लोगों को मिली सब्सिडी वे सभी अब चूल्हे पर खाना बना रहे हैं। इन लोगों को लोकप्रियता हासिल करने के लिए काल्पनिक घोषणाएं करने की आदत होती है। हम ‘महंगाई अब कम करने की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं। महंगाई और कोरोना के कारण लोगों की नौकरी चली गई है। अब 40-50 फीसदी से 50 फीसदी रोजगार शुरू है। “छोटे व्यवसायों को बड़ा झटका लगा है। आम आदमी अपने बच्चों के लिए स्कूल की फीस का भुगतान नहीं कर सकते। माता-पिता के सामने समस्या है कि अपने बच्चों को कैसे शिक्षित किया जाए और उनके बीमारी के बिलों का भुगतान कैसे किया जाए।