भिवंडी [ अमन न्यूज नेटवर्क ] भिवंडी शहर महानगर पालिका के पांचों प्रभाग समितियों में भारी संख्या में अवैध इमारतों का निर्माण कार्य शुरू है.शहर में चारों ओर हो रहे अवैध निर्माण की वजह से नगर रचना विभाग से मिलने वाले आय में प्रतिवर्ष करोड़ों रूपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है.उच्च न्यायालय मुंबई में लगातार अवैध इमारतों संबंधी शिकायतें व याचिका दाखल होने के बाद उच्च न्यायालय की एक याचिका में शहर विकास विभाग प्रमुख कार्यालय में अवैध इमारतें संबंधी शिकायत दर्ज कराने के लिए जागरूक नागरिकों की सुविधा हेतु टोल फ्री व वाट्सएप नंबर शुरू करने के लिए आदेश जारी किया था. आश्चर्य है कि शहर विकास विभाग की मनमानी की वजह से हाईकोर्ट द्वारा निर्देशित टोल फ्री एवं व्हाट्सएप नंबर बंद हो गए हैं जिससे शहर विकास विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्न खड़ा हो गया है. गौरतलब हो कि अवैध निर्माणों की शिकायत के लिए हाईकोर्ट के निर्देश के उपरांत भिवंडी पालिका प्रशासन ने उच्च न्यायालय के आदेशानुसार शहर विकास विभाग प्रमुख कार्यालय में 18002331105 टोल फ्री व 7720063447 वाटसआप नंबर जारी किया. नंबरों को पोस्टर बैनरों में छपवाकर जमकर प्रसिद्धि की गयी किन्तु कुछ माह बाद ही टोल फ्री नंबर को बंद कर दिया गया और वाटशाप नंबर भी 19 अप्रैल 2022 से बंद है.उक्त नंबरों पर नागरिक अवैध इमारतें संबंधी शिकायतें दर्ज कराते थे. वाट्सएप नंबर पर तत्कालीन अवैध इमारत की स्थिति का फोटो भेजकर शहर विभाग प्रमुख को अवगत कराया जाता था. जागरूक शहरवासियों का कहना है कि शहर विकास अधिकारी साकिब खरबे अवैध निर्माण कर्ताओं को प्रश्रय देते हैं. शहर विकास विभाग की मर्जी के बगैर अवैध निर्माण किया जाना नितांत असंभव है. शहर विकास विभाग में लगा हुआ टोल फ्री नंबर एवं व्हाट्सएप नंबर को ठीक रखना खरबे की ही जिम्मेदारी है. खरबे की वजह से ही अवैध निर्माण कार्यों को बढ़ावा मिल रहा है. भ्रष्टाचार को रोकने के लिए मनपा आयुक्त को शहर विकास प्रमुख का पद ही खत्म करना चाहिए.