ठाणे [ युनिस खान ] कमजोर वर्गों के लिए बनाए गए घरों का भुगतान करने के बाद भी निवासियों को बिल्डर नहीं देते हैं। गृहनिर्माण मंत्री डा जितेंद्र आव्हाड ने यूएलसी की भूमि से अतिक्रमण हटाकर उक्त भूमि को सरकारी स्वामित्व में कर दिया है। इससे करीब 163 लोगों को उनके अधिकार का घर मिलेगा। भूमि अब म्हाडा को सौंप दी गई है, इसलिए क्षेत्र में अनधिकृत निर्माणों का भी पुनर्विकास किया जाएगा। मंत्री आव्हाड के प्रयासों से इस समस्या का समाधान हुआ है। इस आशय की जानकारी पूर्व विरोधी पक्षनेता मिलिंद पाटिल ने दिया है।
मनीषा नगर, ठाणे में मधुकांत आचार्य की मालिकी 28,172 वर्ग मीटर भूमि है। इसके अनुसार 10 प्रतिशत जिलाधिकारी कोटे से गरीबों को किफायती आवास उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया। इन मकानों के लिए करीब 163 लोगों ने आवेदन किया था। उनके आवेदन पात्र होने के बाद, परिवारों ने 20 प्रतिशत राशि बिल्डर के पास जमा किया। कलवा के पौर्णिमा बिल्डर ने जमीन विकसित करने के लिए लिया था। जिसके अनुसार 9 इमारतों में 394 घर बनाया। बिल्डर ने घर निवासियों को न देकर दूसरों को बेच दिया। 163 निवासियों को घर का कब्ज़ा नहीं दिया गया। उन्होंने नियमानुसार घरों के लिए 36 लाख रुपये भी जमा किए थे। नतीजा यह हुआ कि 163 लोगों को पैसा देने के बाद भी उनके मकानों का कब्जा नहीं मिला।
यूएलसी की जमीन होने के बावजूद बिल्डर ने शर्तों का उल्लंघन किया है, इसलिए इस जमीन का कब्जा सरकार के पास आ जाना चाहिए। इसी के तहत कुछ दिन पहले ठाणे के जिलाधिकारी राजेश नार्वेकर के समक्ष सुनवाई हुई। इस सुनवाई के बाद जिलाधिकारी नार्वेकर ने यूएलसी की भूमि पर विकासकर्ता द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटाने के आदेश दिए है। सरकार अतिक्रमण हटाकर जमीन पर कब्जा करेगी। इससे क्षेत्र के पुनर्विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ है। म्हाडा इन भूखंडों पर सभी अनधिकृत निर्माणों के पुनर्वास पर विचार कर रहा है। इसके अलावा, आसपास के क्षेत्र में अनधिकृत निर्माण के पुनर्वास का मार्ग प्रशस्त करने की संभावना है। नई पुनर्विकास योजना में इस जमीन से सटे अवैध निर्माणों को भी शामिल किया जाएगा। परिणामस्वरूप, पिछले कई वर्षों से अनधिकृत इमारतों में रहने वाले नागरिकों की आधिकारिक आवास उपलब्ध होगा। साथ ही जो लोग पिछले कई सालों से अनधिकृत घरों में रह रहे हैं वे भी सरकारी घरों में रह सकेंगे। मिलिंद पाटिल ने कहा कि पिछले 38 सालों से लंबित इस मुद्दे को सुलझाने के लिए हम गृहनिर्माण मंत्री आव्हाड के आभारी हैं।