ठाणे [ युनिस खान ] विनयभंग के मामले में जमानत मिलने के बाद पूर्व मंत्री व राकांपा विधायक जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि उन्हें फ़साने की साजिश पहले ही रची जा चुकी थी जिसका वे शिकार भी हुए। लेकिन जमानत मिलने के बाद उन्हें बहुत हद तक राहत मिली है। उन्होंने कहा कि विरोधियों की योजना इससे भी बड़े घटना को अंजाम देने की थी। यदि शिकायतकर्ता महिला उनके अंगों पर गिर गई होती तो शायद बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो सकती थी ऊपर वाले की कृपा से ऐसा कुछ हो नहीं पाया।
गौरतलब है कि राकांपा विधायक जितेंद्र आव्हाड के खिलाफ रिदा रसीद नामक एक महिला ने मुंब्रा पुलिस में विनयभंग का मामला दर्ज कराया है। इसी मामले में आज आव्हाड को 15 हजार रूपये के निजी मुचलके पर ठाणे न्यायालय से जमानत मिली है। जमानत मिलने के बाद भी विधायक आव्हाड ने कहा कि उन्हें किसी तरह के आनंद का अनुभव नहीं हुआ है। धारा 354 का दर्द वे इतनी जल्दी नहीं भूल पाएंगे। उन्होंने बताया कि संपूर्ण वीडियो में वह महिला एकदम सामने से आती हुई दिख रही थी। उसके मन में कुछ करने की भावना थी। यदि आव्हाड ने उसे बगल नहीं किया होता तो वह महिला शरीर पर आकर गिर भी सकती थी। इसके बाद इस मामले में उनके खिलाफ एक बड़ा आपराधिक मामला दर्द होता। लेकिन ईश्वर ने मुझे सद्बुद्धि दी और मैंने उस महिला को बगल कर दिया। जमानत मिलने के बाद आव्हाड ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यदि पुलिस ने किसी महिला कार्यकर्ता को हाथ लगाया तो क्या उस पर छेड़खानी का आरोप लग जाएगा। उन्होंने कहा कि उनके राजनीतिक कैरियर को तबाह करने की सुनियोजित साजिश हुई थी लेकिन ऊपर वाले ने विफल कर दिया।
न्यायालय में विधायक आव्हाड की ओर से एड गजानन चौहान ने अपना पक्ष रखा । कोर्ट को यह भी जानकारी दी गई कि आव्हाड ने शिकायतकर्ता महिला को बहिनी कहकर संबोधित किया। इसके साथ ही वकील ने कहा कि उक्त कार्यक्रम के दौरान महिला ने दो अन्य पुरुषों के साथ भी खुद धक्का-मुक्की की थी। इस महिला ने पूर्व नियोजित साजिश के तहत सारे घटनाक्रम को अंजाम दिया। न्यायालय को बताया गया कि एक जनप्रतिनिधि सार्वजनिक आयोजन के दौरान विनयभंग जैसी हरकतें नहीं कर सकता है। भीड़भाड़ में एक दूसरे के संपर्क में आना इसे विनयभंग का मामला माना ही नहीं जा सकता है। इतना ही नहीं उक्त कार्यक्रम का वीडियो भी न्यायाधीश को दिखाया गया। अग्रिम जमानत के लिए आव्हाड के वकील ने आवेदन दिया। और इस मामले को लेकर न्यायाधीश के समक्ष बचाव पक्ष की ओर से अपनी बातें रखी।
दूसरी ओर 2 दिन पहले फिल्म हर हर महादेव को लेकर हुई मारपीट की घटना में विधायक आव्हाड को जमानत कुछ शर्तों पर मिली थी । इस मामले का भी जिक्र पुलिस ने किया । आव्हाड के वकील ने कहा कि वह मामला जमानत मिलने योग्य था।
जानकारी के अनुसार रविवार की रात को एमआरडीए द्वारा मुंब्रा में बनाए गए पुल का उद्घाटन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के हाथों किया गया । इसी कार्यक्रम में एकनाथ शिंदे के साथ ही विधायक आव्हाड भी शामिल थे। जानकारी के अनुसार कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री शिंदे रिदा रसीद से मिलने जा रहे थे तो इसी दौरान आव्हाड ने रिदा रसीद को धकेल दिया। ऐसी बात शिकायत में कहीं गई है। इस घटनाक्रम के बाद रिदा रसीद परिमंडल एक के पुलिस उपायुक्त से मिली और मुंब्रा पुलिस स्टेशन जाकर विधायक आव्हाड के खिलाफ छेड़खानी का मामला दर्ज करवाई थी। बताया जाता है कि रिदा रसीद भाजपा की सक्रिय महिला चेहरा है । जो मुंब्रा में पार्टी गतिविधियों को संचालित कर रही है। इसके पहले वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में रिदा रसीद मुंब्रा कलवा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने के इच्छुक थी। लेकिन गठबंधन के तहत यह सीट शिवसेना के खाते में चली गयी और शिवसेना ने कलवा मुंब्रा विधानसभा क्षेत्र से दीपाली सय्यद को उम्मीदवारी दी थी। लेकिन चुनाव में जितेंद्र आव्हाड ने उन्हें करारी शिकस्त दी थी।