



ठाणे [ अमन न्यूज नेटवर्क ] महावितरण कंपनी के निजीकरण के सरकार और प्रशासन के एकतरफा फैसले के खिलाफ महाराष्ट्र राज्य कर्मचारी, अधिकारी, अभियंता संघर्ष समिति में शामिल सभी संगठन एकजुट हो गए हैं। सोमवार को सात संगठन ठाणे के वागले इस्टेट महावितरण कार्यालय के समक्ष एकत्र होकर निजीकरण के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इसके अलावा अनिश्चितकालीन आंदोलन करने का फैसला करते हुए चेतावनी दी है। यही नहीं 23 दिसंबर को नागपुर विधानसभा तक मार्च निकाला जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि नए साल में ठाणे में एक मार्च निकाला जाएगा और चार जनवरी को 72 घंटे की हड़ताल का आह्वान किया जाएगा।
अडानी इलेक्ट्रिकल कंपनी ने महाराष्ट्र सरकार के अधिकार के तहत बिजली कंपनी के समानांतर एक नया लाइसेंस स्थापित किया है। नवी मुंबई, पनवेल, उरण, ठाणे, मुलुंड, भांडुप, तलोजा, के क्षेत्रों में 5 लाख बिजली उपभोक्ताओं का क्षेत्र जो 1000 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई करता है। महाराष्ट्र राज्य विद्युत नियामक आयोग ने महावितरण के बदले अडानी इलेक्ट्रिक कंपनी को हस्तांतरित करने की अनुमति माँगा है।
महावितरण एशिया की सबसे बड़ी और सबसे कुशल कंपनी है और केंद्र सरकार ने कंपनी की समग्र दक्षता और प्रबंधन को देखते हुए कई पुरस्कारों की घोषणा की है। एक कंपनी जिसने वर्ष 2021 – 22 में 135 करोड़ रुपये का लाभ कमाया है। इस क्षेत्र को निजीकरण के लिए चुना गया है। इस कार्रवाई का कमेटी के सभी संगठनों ने कड़ा विरोध किया है।
ठाणे में, महाराष्ट्र राज्य बिजली कर्मचारी, अधिकारी, इंजीनियर संघर्ष समिति, ठाणे जिला इंटक के अध्यक्ष सचिन शिंदे, श्रमिक संघ रमेश नाइक, इंटक के कार्यकारी अध्यक्ष संदीप वंजारी, एम.आर.स्वाभिमानी बिजली कर्मचारी संघ के उप महासचिव विवेक महाले, एम.आर.विज कामंचरी अधिकारी अभियंत कामगार श्री एमआर पिछड़ा वर्ग संगठन के कोपरे शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष विनायक जाधव ने निर्देश दिए पर आज विरोध प्रदर्शन किया गया।