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सिंचाई में सब्सिडी की प्रक्रिया को सरल बनाने के उपाय

 मुंबई [ अमन न्यूज नेटवर्क ] PMKSY कार्यक्रम के तहत माइक्रो-इरिगेशन सब्सिडी देने में देरी की वजह से यह योजना तेजी से आगे नहीं बढ़ पाई है। सब्सिडी देने की प्रक्रिया को कुशल व कारगर बनाने के लिए कुछ कदम उठाने होंगे, जिनमें ऑनलाइन पोर्टल की मदद से शुरू से अंत तक की प्रक्रिया को पूरा करना और निगरानी करना, फंड देने की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना, अलग-अलग चरणों में जाँच की व्यवस्था करना और तय समय-सीमा का पालन करना शामिल है। इस तरह किसानों को तेजी से कर्ज मुक्त बनाने में मदद मिलेगी।

 माइक्रोइरिगेशन इंडस्ट्री को इन्फ्रास्ट्रक्चर का दर्जा देने की जरूरत

इन्फ्रास्ट्रक्चर का दर्जा मिलने से माइक्रो-इरिगेशन उपकरण निर्माताओं (जिनमें से 95% MSME के अंतर्गत आते हैं) को कारोबार चलाने की लागत कम करने में मदद मिलेगी, जिससे इस उद्योग का तेजी से विकास होगा और किसान समुदाय के लिए उपकरण की लागत में कमी आएगी।

 PDMC को केंद्र प्रायोजित योजना (CSS) बनाकर इसे PMU (प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिटके जरिए मिशन मोड में लागू करना

5 साल में 10 मिलियन हेक्टेयर कवरेज का लक्ष्य रखा गया है, और फिलहाल इस लक्ष्य का ~50 प्रतिशत हासिल किया गया है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि, योजना को लागू करने और विशेष ध्यान देने के मामले में केंद्र तथा राज्य सरकारों के बीच तालमेल में थोड़ी कमी है। सरकार द्वारा चलाई जा रही दूसरी बड़ी योजनाओं की तरह PDMC को भी केंद्र प्रायोजित योजना (CSS) बनाकर इसे PMU (प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट) के जरिए मिशन मोड में लागू करने से कुल मिलाकर लक्ष्य को हासिल करने में काफी मदद मिलेगी। मूल्यांकन के आधार पर सब्सिडी की ऊपरी सीमा 50 प्रतिशत निर्धारित की जा सकती है।

 इनोवेशन और डिजिटलाइजेशन में सहायता के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने पर ध्यान दिया जाना चाहिए

आगामी बजट में कृषि के डिजिटलाइजेशन में सहायता के लिए देश के ग्रामीण इलाकों में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान देने और इसके लिए फंड की व्यवस्था करने से इस क्षेत्र का तेजी से विकास होगा। फिलहाल, भारत एग्री जीडीपी का 1% से भी कम अनुसंधान एवं विकास (R&D) पर खर्च कर रहा है। एग्री-टेक सॉल्यूशन, स्टार्ट-अप और एग्री-वैल्यू चेन में अलग अलग स्तरों पर डिजिटलीकरण में सहायता के लिए एग्री इनोवेशन फंड की व्यवस्था करने से भविष्य में कृषि अर्थव्यवस्था का स्वरूप बदल सकता है।

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