



ठाणे [ इमरान खान ] कोई कर व दर वृद्धि न कर मनपा आयुक्त अभिजीत बांगर ने वर्ष 2022 – 2023 के 4235 करोड़ ,83 लाख रुपये का संशोधित व वर्ष 2023 – 2024 का 4370 करोड़ रूपये का मूल बजट को पेश किया और उसे मंजूरी दे दी। बजट में नागरिकों की सुविधाओं व शहर के विकास के साथ स्वच्छता , स्वास्थ्य व शिक्षा पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया गया है।
मुख्यमंत्री के बदलते ठाणे को ध्यान में रखकर यह बजट ठाणे मनपा की आय के सभी पहलुओं पर विचार करके राजस्व आय बढ़ाने पर जोर, व्यय में वित्तीय अनुशासन, अनावश्यक राजस्व व्यय में कमी, स्वच्छता, स्वास्थ्य, शिक्षा के त्रिस्तरीय कार्यक्रम का क्रियान्वयन, पूंजीगत कार्यों के तहत कराये गये कार्यों को पूरा करने की योजना, प्रशासनिक कार्य में सुधार, योजना को पूरा करने की योजना निर्धारित समय में अनुदान से प्राप्त होने वाले कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिए जाने की घोषणा की है।
वर्ष 2022-23 में 3384 करोड़ रूपये का बजट पेश किया गया था। कुछ विभागों से अपेक्षित आय प्राप्त नहीं होने से 4235 करोड़ की राशि से संशोधित बजट तैयार किया गया है। वहीँ वर्ष 2023-24 के लिए स्वीकृत देनदारियों को कम करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए नई देनदारियों को स्वीकार किए बगैर 4370 करोड़ रुपए का बेस बजट प्रस्तावित किया गया है.
वर्ष 2022-23 में सम्पत्ति कर एवं शुल्क से आय 713 करोड़ 77 लाख रुपये रहने का अनुमान था। अब तक की वास्तविक आय 599 करोड़ 73 लाख का उदेश्य लेकर संपत्ति कर से 677 करोड़ 27 लाख रूपये प्रस्तावित किया है। वर्ष 2023 – 2024 में संपत्ति कर फी समेत 761 करोड़ 72 लाख रूपये प्रस्तावित किया है।
विकास शुल्क से वर्ष 2022-23 में नगर विकास विभाग को विकास एवं समान शुल्कों से 585 करोड़ 42 लाख रुपये की आय होने की उम्मीद थी। रियल इस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने 31/12/2021 से पहले भुगतान किए जाने पर अतिरिक्त आधार दर के साथ-साथ अन्य प्रीमियम शुल्कों में 50 फीसदी की छूट देने का निर्णय लेने की घोषणा की है। नए नियमों के अनुसार, कुछ शुल्क दरों को घटाया गया है और कुछ वस्तुओं को बेस इंडेक्स में शामिल किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप प्रीमियम में कमी आई है। नगर विकास विभाग से प्राप्त 387 करोड़ 51 लाख को ध्यान में रखते हुए नगर विकास विभाग की आय संशोधित कर 458 करोड़ 68 लाख की गयी है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 565 करोड़ के राजस्व की उम्मीद है।
वस्तु और सेवा कर अनुदान से 979 करोड़ 39 लाख, स्टाम्प शुल्क अधिभार के लिए अनुदान रु.250 करोड़, स्थानीय निकाय कर 10 करोड़ रुपये की कुल 1239 करोड़ 39 लाख राजस्व की उम्मीद थी। वस्तु एवं सेवा कर अनुदान की राशि सरकार से नियमित रूप से प्राप्त होती है और अब तक 979 करोड़ 44 लाख रूपये मिले हैं। लेकिन स्टांप शुल्क अधिभार के कारण अब तक रोके गए प्रत्याशित अनुदान में से 108 करोड़ 63 लाख रूपये का अनुदान प्राप्त हो चुका है, स्टाम्प शुल्क का संशोधित अनुमान 175 करोड़ रूपये का है। साथ ही स्थानीय निकाय कर के बकाये की वसूली से अपेक्षित राजस्व में से अब तक 4 करोड़ 36 लाख रूपये प्राप्त हो चुके हैं, संशोधित अनुमान को संशोधित कर 8 करोड़ 04 लाख रुपये किया गया है। इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए स्थानीय निकाय कर विभाग का संशोधित अनुमान कुल 1162 करोड़ 48 लाख रूपये की आय प्रस्तवित है।