मुंबई [ अमन न्यूज नेटवर्क ] एसएमई वित्त पोषण को प्रोत्साहित करने वाले सक्रिय मंच एसएमई फाइनेंस फोरम ने आज अपनी तीन दिवसीय काफ्रेंस की मुंबई में शुरुआत की। इस वर्ष के कार्यक्रम की थीम “डिजिटल ईकोसिस्टम और एसएमई फाइनेंस का भविष्य ” है। इस कांफ्रेंस की सह मेजबानी स्माल इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बैंक आफ इंडिया (सिडबी) और इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) कर रहे हैं। तीन दिनों के इस आयोजन में 70 देशों और 250 संस्थानों के 700 सीनियर बैंकर्स, तकनीकी दिग्गज से लेकर विचारशील नेतृत्वकर्त्ता डिजिटल ईकोसिस्टम और एसएमई फाइनेंस के भविष्य पर चर्चा करेंगे।
कांफ्रेंस का शुभारंभ समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. भागवत किशनराव कराड, माननीय राज्य मंत्री, वित्त विभाग, भारत सरकार गे हाथों दीप के शुभ प्रज्ज्वलन से हुयी। डॉ.भागवत कराड ने प्रकाश डालते हुए कहा कि “भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में एमएसएमई की महत्वपूर्ण भूमिका है। वर्तमान में भारत में करीब 6.3 करोड़ एमएसएमई उद्यम क्रियाशील हैं जो कि करीब 11.1 करोड़ रोजगार के अवसर उपलब्ध करा रहे हैं। जीडीपी का करीब 30 फीसदी एमएसएमई से आता है और इसकी वृद्धि दर प्रतिवर्ष 10 फीसदी है। उन्होंने आगे कहा कि “ माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार एमएसई क्षेत्र के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए तत्पर है और बैंकिंग सेक्टर के साथ मिलकर हम सहज वित्त उपलब्ध कराते हुए इन महत्वपूर्ण उद्यमों के विकास के लिए ऊर्जा प्रदान करने का प्रयास कर रहे हैं।”
ग्लोबल एसएमई फाइनेंस फोरम 2023 में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए श्री शिवसुब्रमण्यम रमन, चेयरमैन एवं एमडी, सिडबी ने कहा , “मैं इस प्रतिष्ठापूर्ण आयोजन की मेजबानी का अवसर सिडबी को प्रदान करने के लिए कृतज्ञ हूं जहां दुनिया भर के स्टेकहोल्डर्स व उदयोग की अभूतपूर्व भागीदारी रही है और एसएमई सेक्टर से संबंधित मुद्दों व प्रचलनों पर चर्चा को प्रोत्साहन दिया गया। भारत के पहली बार जी20 की अध्यक्षता ग्रहण करने के साथ एमएसएमई के प्रति देश का दृष्टिकोण व विचार दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हो गए हैं। मजबूत डिजिटल ढांचा विकसित करने के लिए भारत सरकार द्रावा उठाए गए कदमों और फलस्वरुप एमएसेमई क्रेडिट डोमेन में भमिका निभाने वालों के डिजिटल नवाचारों पर चर्चा, प्रोत्साहन के साथ उन पर खुशी मनाने की आवश्यकता है। ”
एसएमई फाइनेंस के भविष्य के लिए डिजिटल ईकोसिस्टम व वित्तीय समावेशन पर फायरसाइड चर्चा के सत्र के दौरान श्री नंदन निलकेणी, सह संस्थापक एवं इंफोसिस निदेशक मंडल के चेयरमैन, ने कहा “एसएमई डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) के सबसे बड़े लाभार्थी रहे हैं। क्रेडिट व बाजार तक पहुंच आसान बनाने के लिए भारत सार्वजनिक रास्तों का निर्माण कर रहा है जो एमएसई को लाभ पहुंचा रही है। आज पांच करोड़ से ज्यादा मर्चेट्स भुगतान के लिए डिजिटल मोड का विकल्प चुन रहे हैं। डिजिटलीकरण के चलते हमारे लिए तेजी से बैलेंस शीट तैयार करना संभव हुआ है क्योंकि सभी वित्तीय विवरण जैसे इन्वायस, ट्रांजैक्शन, टैक्स क्रेडिट आदि सहज पहुंच में हैं। ऋण पाने के लिए लगने वाले समय में भी डिजिटलीकरण के चलते कमी आई है । आने वाले पांच सालों में कम से कम 50 देश डीपीआई को लागू करने जा रहे हैं।”
श्री दिनेश खारा, चेयरमैन, एसबीआई, जिन्होंने अनलाकिंग दि पोटेंशियल आफ डिजिटल प्लेटफार्म फार एसएमई फाइनेंसिंग शीर्षक से आयोजित सत्र में वर्चुअली हिस्सा लिया, कहा कि “विगत दस सालों में हमने हमारे बैंक मे महत्वपूर्ण परिवर्तन होते देखा है। कोलैटरल आधारित ऋण दिए जाने वाले माडल से डेटा आधारित ऋण के माडल की ओर परिवर्तन हुआ है जिसने बैंक की समग्र परिचालन लागत में कमी लाने में सहयोग दिया है। डिजिटलीकरण ने वेंडर्स के लिए भुगतान को सहज व त्वरित बनाने में मदद की है व एमएसएमई ऋण प्रक्रिया को पटरी पर लाने में मदद की है। इसके अतिरिक्त डिजिटल प्लेटफार्म्स एसएमई ग्राहकों की जरुरतों को पूरा करने का कारक व मूल्य वर्धक बने हैं।