ठाणे , कोरोना के इस कहर ने कई पत्रकारों को असमय ही इस दुनिया से रुखसत किया। प्रसिद्ध पत्रकार गीतेश शर्मा का कोरोना के चलते निधन हो गया। वे पिछले कुछ दिनों से कोलकाता महानगर के एक अस्पताल में भर्ती थे।
सुप्रसिद्ध समाज सेवक ओम प्रकाश चौधरी ने पत्रकार गीतेश शर्मा के निधन से काफी आहत हुए हैं। उन्होंने गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि प्रसिद्ध पत्रकार गीतेश शर्मा का जाना समाज को एक बहुत बड़ी क्षति है, जिसकी भरपाई संभव नहीं है।
अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन की राष्ट्रीय सचिव सुमन अग्रवाल ने भी पत्रकार गीतेश शर्मा के निधन पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि, एक ऐसे फल दायक वृक्ष के ढह जाने से न सिर्फ वर्तमान बल्कि भविष्य के युवा पीढ़ी को भी बड़ी क्षति हुई है।
आगे सुप्रसिद्ध समाज सेवक ओमप्रकाश चौधरी ने पत्रकार गीतेश शर्मा के जीवनी पर रोशनी डालते हुए बताया कि वर्ष 1932 में बिहार के लखीसराय में जन्मे पत्रकार सुरेश गीतेश शर्मा सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर जाने जाते थे। वर्ष 1953 को वे कोलकाता आए थे।जहां वे डायलॉग सोसाइटी के संस्थापक के तौर पर काफी सक्रिय रहे । इसके अलावा वे इंडो – वियतनाम साँलिडैरिटी कमेटी के अध्यक्ष के तौर पर उन्होंने दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को बनाए रखा था।
गीतेश शर्मा ने 23 किताबें लिखी,जिसमें से 16 हिंदी और 7 अंग्रेजी भाषा में थी। पत्रकार गीतेश शर्मा ने काफी समय तक जनसंचार के संपादक के तौर पर भी कार्यरत रहे थे। पत्रकार गीतेश शर्मा ने भारत के अतिरिक्त बांग्लादेश, पाकिस्तान ,नेपाल, भूटान, हॉन्ग कोंग, सिंगापुर, थाईलैंड, अमेरिका ,फ्रांस, ब्रिटेन आदि देशों की यात्रा कर चुके थे। राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में व्याख्यान दे चुके गीतेश शर्मा को हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयाग, बिहार सरकार द्वारा नेशनल इंटीग्रेशन अवार्ड, वियतनाम यूनियन ऑफ फ्रेंडशिप ऑर्गेनाइजेशन सहित कई अन्य संस्थाओं ने सम्मानित किया गया था।