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हाथरस मामले में अन्तराष्ट्रीय स्तर छवि ख़राब करने व प्रदेश में दंगे भड़काने की साजिश का मुकदमा दर्ज

लखनऊ [ युनिस खान] उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में सामूहिक बलात्कार व हत्या मामले में अज्ञात लोगों के   खिलाफ देश द्रोह का मामला दर्ज किया गया है . घटना को लेकर अन्तराष्ट्रीय साजिश के तहत जातीय दंगा कराने  प्रदेश की योगी सरकार को बदनाम करने की आशंका व्यक्त की गयी है .राज्य सरकार ने कई अधिकारीयों को निलंवित कर दिया है जबकि विवादों न आये जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्सर के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गयी है . विरोधी दल जहाँ सरकर पर आरोपियों को बचाने का    आरोप लगा रहे हैं वहीँ उत्तर प्रदेश सरकार ने सीबीआय जांच की शिफारिस करने के साथ कड़ी सजा दिलाने का वादा किया है .

हाथरस जिले चंदपा थाने पीड़ित पक्ष की ओर से शिकायत की गयी कि बूलगढ़ी गाँव में १४ सितम्बर की सुबह साढ़े नौ बजे 19 वर्षीय पीडिता पर संदीप नाम के युवक ने हमला किया . घटना के बाद पीडिता भाई  ने चंदपा कोतवाली में लिखित शिकायत दर्ज कराया जिसमें कहा गया कि मुख्य आरोपी गाँव रहने वाला संदीप है .पुलिस ने एससी ,एसटी एक्ट के साथ भादवि की धारा 307 के  तहत मामला दर्ज कर लिया .पीडिता को शाम करीब र बजे अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जवाहरलाल नेहरु मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया . मामले पहली गिरफ़्तारी 19 सितम्बर को होने की जानकारी आने पर एसडीएम प्रेम प्रकाश मीणा का कहना था कि एक आरोपी फरार हो गया था जिसे पकड़ने में समय लगा लेकिन तीन आरोपियों को ततकाल गिरफ्तार कर लिया गया था .घटना की पीडिता के रीढ़ की हड्डी को नुकसान होने की  सामने आई .शुरू में पीडिता के परिजन स्थानीय अस्पताल में ले गए थे जहाँ से जवाहरलाल नेहरु मेडिकल कालेज भेजा गया . मेडिकल कालेज न 22 सितम्बर 2020 को पीडिता को होश आया . उस समय बयान में पीडिता ने अपने साथ सामूहिक बलात्कार होने की बात कही . पीडिता की स्थिति में सुधार नहीं होने पर उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया जहाँ   उसकी मृत्यु हो गयी .

उसकी मृत्यु के बाद अस्पताल प्रशासन की ओर  बताया गया कि जवाहरलाल नेहरु मेडिकल कालेज से रेफर कर आई 20 वर्षीय पीडिता को 28 सितम्बर को साढ़े तीन बजे इमरजेंसी वार्ड में न्यूरो सर्जरी के लिए भर्ती किया गया .उस समय पीडिता की स्थिति बहुत ही नाजुक   थी . अस्पताल प्रशासन ने बताया कि काफी प्रयासों के बावजूद 29 सितम्बर की सुबह 6 बजकर 25 मिनट मृत्यु हो गयी . इस घटना को लेकर पुलिस फारेंसिक रिपोर्ट के आधार पर दावा किया कि एफएसएल रिपोर्ट में पीडिता के साथ बलात्कार होने की बात सामने नहीं आई है . उत्तर प्रदेश पुलिस ने पत्रकार सम्मलेन करके जानकारी दी कि एफएसएल रिपोर्ट में स्पर्म होने की पुष्टि नहीं हुई है . मेडिकल कालेज के एक अधिकारी ने दावे के बेबिनियाद बता दिया . अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के डा. अजीम मालिक ने कहा की महिला के साथ कथित बलात्कार के 11 दिन बाद सेम्पल लिए गए थे .सरकारी दिश्निर्देश में स्पष्ट कहा गया है कि फारेंसिक प्रमाण घटना के 96 घंटे तक प्राप्त की जा सकती है .यह रिपोर्ट बलात्कार की पुष्टि नहीं कर सकती है .

घटना के शुरू से ही आरोपियों को बचाने का उत्तर प्रदेश सरकार पर विरोधी दल आरोप लगा रहे थे . परिजनों की स्वीकृति के बगैर जबरन आधी रात में अंतिम संस्कार कराने के बाद विरोधी दल सरकार पर अधिक हमलावर हो गए हैं . पीड़ित   परिवार से मिलने जाने वाले विरोधी दलों के नेताओं व मिडिया कर्मियों को रोकने के लिए पुरे इलाके को पुलिस छावनी में  तब्दील कर दिया गया . पीडिता के गाँव जा रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी , कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी , तृणमूल कांग्रेस के सांसदों के दल को पुलिस ने रोक  लिया . सांसदों व नेताओं से धक्कामुक्की करने का पुलिस आरोप लगा . धक्का लगाने से राहुल गांधी के जमीन पर गिरने व प्रियंका गांधी की कमीज पुरुष पुलिस के पकड़ने की तस्बीर कैमरे कैद हो गयी . पुलिस पर सांसदों से बदसलूकी करने का मामला सामने आया . 3 अक्टोबर को राहुल गांधी समेत कुछ अन्य नेताओं को पीड़ित परिवार से मिलने की अनुमति दी गयी . राज्य सरकार की ओर से अन्य एफआईआर दर्ज कराया गया जिसमें अन्तराष्ट्रीय स्तर पर साजिश रची जा रही है जिससे योगी सरकार की छवि ख़राब करने और उत्तर प्रदेश में जातीय  दंगे कराये जा सकें . अज्ञात लोगों के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज कराया गया है .

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