ठाणे [ युनिस खान] राज्य में बढ़ाते महिला अत्याचार को रोकने व महिलाओं को सुरक्षा देने में विफाल आघाडी सरकार का निषेध करने के लिए भाजपा ने जिलाधिकारी कार्यालय पर मूक मोर्चा निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया। महिला अत्याचार रोकने व सुरक्षा मुहैया कराने के लिए राज्य सरकार से तत्काल कदम उठाने की मांग का जिलाधिकारी राजेश नार्वेकर को ज्ञापन दिया है। भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष माधवी नाईक ,महिला आघाडी की उपाध्यक्षा रिदा रसीद व महिला आघाडी ठाणे जिलाध्यक्ष हर्षला बुबेरा के नेतृत्व में कोर्ट नाका स्थित डा. बाबासाहब आंबेडकर के पुतले से शासकीय विश्राम गृह तक मूक मोर्चा निकाला गया। जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष मोर्चे में शामिल बड़ी संख्या में शामिल महिलाओं ने प्रदर्शन किया। महाराष्ट्र सरकार को गैरजिम्मेदार बताते हुए निषेध किया। मोर्चे का एक प्रतिनिधि मंडल जिलाधिकारी नार्वेकर को अपनी मांगों का ज्ञापन दिया। महिलाओं में असुरक्षा की ओर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने मांग की गयी। इस अवसर भाजपा विधायक व ठाणे प्रभारी आशीष शेलार शहर भाजपा अध्यक्ष व एमएलसी एड. निरंजन डावखरे ,मनपा में गटनेता संजय वाघुले , प्रदेश सचिव संदीप लेले ,महिला आघाडी की जिला महासचिव तृप्ति पाटील ,नयना भोईर समेत अनेक नगर सेविका उपस्थित थी . जिलाधिकारी को दिए ज्ञापन में कहा गया है कि राज्य में महिला अत्याचार बढ़ रहा है .कोरोना उपचार केंद्र में महिलाओं र अत्याचार की घटनाएं हुई हैं .नॅशनल क्राईम रिकार्ड ब्योरो की 29 सितम्बर 2020 को आई रिपोर्ट में बलात्कार कर हत्या करने की सर्वाधिक 47 घतनाएइ होने की जानकारी सामने आई है . राज्य में महिला सुरक्षा करने में राज्य सरकार पूरी तरह विफल है . राज्य फरवरी माह में बलात्कार की 7 घटनाएं हुई .नाबालिग लड़की से बलात्कार की 11 घटनाएँ अगस्त माह में होने की जानकारी सामने आई है . वसई में गतिमंद लड़की से बलात्कार ,मुंबई में चलती गाडी में नाबालिग से सामूहिक बलात्कार ,आरे कालोनी में चार वर्षीय लड़की से बलात्कार की घटनाएं महिला सुरक्षा की पोल खोल दी है . कोविड व क्वारंटाइन सेंटर में महिला अत्याचार की घटनाएं हुई जिसमें दो स्थानों में महिला से बलात्कार व 10 स्थानों में विनयभंग की घटना हुई है . भाजपा राज्य सरकार से महिला सुरक्षा की निरंतर मांग कर रही है . राज्य सरकार में शामिल शिवसेना , राकांपा व कांग्रेस उत्तर प्रदेश के हाथरस की घटना पर दुःख व्यक्त कर रही है लेकिन महाराष्ट्र में महिलाओं पर होने वाले अत्याचार पर संवेदना कहाँ चली जाती है .