ठाणे [ युनिस खान ] आठ माह से कोरोना लाक डाउन से स्कूल बंद हैं बच्चे आन लाईन अभ्यास करते मोबाईल पर मजा ले रहे हैं। बच्चों के स्वस्थ्य व शिक्षा दोनों के लिए चिंतित अविभावकों में मोबाईल के दुष्परिणाम की चिंता बढ़ने लगी है। स्कूल बंद होने से बच्चे आन लाईन अभ्यास कर रहे हैं।
पहले क्लास रूम में शिक्षकों की निगरानी में बच्चे पढाई करते थे उस समय बच्चे क्या कर रहे है उसपर शिक्षक की निगाह हुआ करती थी। अब बच्चे मोबाईल चैम्पियन जरुर बन रहे हैं। मोबाईल की अधिक जानकारी से अज्ञान पलक को पता नहीं चल रहा है कि बच्चे मोबाईल पर कैसा अभ्यास कर रहे हैं। कुछ बच्चों को इंटर नेट के साथ मोबाईल मिल गया है कुछ बच्चे अपने साथियों के मोबाईल का सहरा ले रहे है। मोबाईल मिलने से बच्चे अधिक समय उसमें लगे रहते है। फास्ट फ़ूड और मोबाईल दोनों का बच्चे मजा ले रहे है। बच्चे मोबाईल में कितना अभ्यास कर रहे है और कितना खेल रहे हैं यह कहना मुश्किल है। बच्चे कार्टून व गेम में अधिक रूचि लेते हैं। संस्कार क्लासेस के संचालक विनय कुमार सिंह ने कहा है कि माध्यम आय वर्ग व गरीब बच्चों को आन लाईन शिक्षा से लाभ नहीं है। यह शैक्षणिक वर्ष खराब हो गया है। बच्चों पर शिक्षक अविभावक दोनों का ध्यान रहने से पढ़ाई करते हैं। मोबाईल न सुविधा जरुर है लेकिन ह निगरानी तो नहीं रख सकता है।