ठाणे [ युनिस खान ] मनपा के ग्लोबल कोविड अस्पताल में क्षमता की अपेक्षाकृत 30 फीसदी कर्मचारियों की उपस्थिति से काम लिए जाने व कर्नाटक के एक महाविद्यालय से उत्तीर्ण यूनानी डाक्टरों की सेवा लिए जाने का खुलाशा हुआ है। इस आशय का सनसनीखेज आरोप मनपा भाजपा गटनेता मनोहर डुंबरे ने लगाया है। उन्होंने शहर के कोरोना संक्रमित मरीजों की जान बचाने के लिए ग्लोबल अस्पताल में निजी डाक्टरों से सेवा देने का आवाहन किया है।
उन्होंने कहा है कि करोड़ों रूपये खर्च करने के बावजूद कोरोना की दूसरी लाट आने पर मनपा अस्पतालों में मरीजों को बेड व आक्सीजन मिलने की समस्या होने लगी है। वोल्टास ,बुश आदि कोरोना अस्पताल सुविधाओं के आभाव में धुल चाट रहे हैं। कलवा व मुंब्रा अस्पताल की स्थिति अच्छी नहीं है। गटनेता डुंबरे के साथ भाजपा नगर सेवक मिलिंद पाटनकर ,नारायण पवार ने ग्लोबल अस्पताल का दौरा किया। डुंबरे ने बताया की दौरे में ग्लोबल अस्पताल की चिंताजनक जानकारी सामने आई है। 1024 बेड के ग्लोबल अस्पताल में 24 घंटे कार्यरत रहने वाले डाक्टर्स नर्स की आवश्यकता है। इसके बावजूद 30 फीसदी कर्मचारियों से काम चलाया जा रहा है वहीँ आवश्यकता से डाक्टरों की संख्या कम है। इसमें एमबीबीएस व बीएएमएस डाक्टरों के बदले यूनानी डाक्टरों सेवा ली जा रही है। उन्होंने कहा है कि ग्लोबल में प्रतिदिन 900 से 1000 लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि ग्लोबल अस्पताल के आलावा भी मनपा की अन्य अस्पतालों में मनुष्यबल मुहैया कराने का एक कंपनी को ठेका दिया गया है। उक्त कंपनी की मनुष्यबल मुहैया करने की क्षमता नहीं है उसके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग डुंबरे ने की है। भाजपा गटनेता डुंबरे ने बताया कि सिविल अस्पताल में आक्सीजन की कमी के चलते आयसीयु के 15 मरीजों को ग्लोबल अस्पताल में स्थानांतरित किया गया है। कुछ निजी अस्पतालों न आक्सीजन की कमी के चलते वहां से मरीजों को जल्दबाजी में ग्लोबल अस्पताल में भर्ती कराया रहा है। ग्लोबल अस्पताल में 10 हजार पीपीई किट घटिया दर्जे की आने की जांच कराने की उन्होंने मनपा आयुक्त से मांग की है।
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