मुंबई [ युनिस खान ] कोरोना संकट से देश में कोरोना के विरुद्ध युद्ध शुरू है कहीं आक्सीजन नहीं , कहीं बेड नहीं मिल पा रहे हैं। जिसमें मरीजों का बुरा हाल व मृत्यु हो रही है। आशय का उद्गार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है की नासिक मनपा अस्पताल में आक्सीजन रिसाव से मन विचलित होने वाली घटना हुई है। आक्सीजन टैंक के रिसाव से 22 मरीजों को जान गवाना पड़ा है। इस घटना पर दुःख व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। उन्होंने मृतकों के परिजनों के लिए पांच पांच लाख रूपये की आर्थिक सहायता की घोषणा किया है।नासिक के पालकमंत्री छगन भुजबल ने मनपा की ओर मृतकों के परिजनों को पांच पांच लाख रूपये की आर्थिक सहयता देने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा है कि कोरोना मरीजों को बचाने के लिए महाराष्ट्र शासन संघर्ष कर रहा है। राज्य का संपूर्ण यंत्रणा अपने आपको कोरोना से लड़ने के युद्ध में झोक दिया है। नासिक में हुई घटना के मृतकों के परिजनों को कैसे सांत्वना दूं उनके आंसू कैसे पोंछुं भले ही दुर्घटना है फिर भी मृतकों का दुःख बड़ा है। आज पूरा महाराष्ट्र शोकाकुल है। इस र्घटना गहराई तक जांच करेंगे जो भी जिम्मेदार पाया गया उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। इस दुघटना पर कोई राजनीति न करे यह संपूर्ण महाराष्ट्र पर आघात है। इस तरह मुख्यमंत्री ने अपनी भावना व्यक्त किया है। दुर्घटना में मृतकों के परिजनों को पांच पांच लाख रूपये की आर्थित सहायता की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि घटना की उच्च स्तरीय जांच का आदेश दे दिया है। उन्होंने कहा कि नासिक की घटना दिलदहलाने वाली है प्रशासन को संपूर्ण लड़ाई लड़ने के लिए अत्यंत सावधानी से आगे बढ़ना होगा।
एक वर्ष हम कोविड की लाट का मुकाबला कर रहे हैं। उपलब्ध डाक्टर , वैद्यकीय कर्मचारी रात दिन अपनी जान की परवाह न कर मरीजों की जान बचाने में लगे हैं। ऐसी परिस्थिति में जान जाना अत्यंत दुखद व चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि केवल शोक सांत्वना से ही काम नहीं चलेगा। ऐसी घटना न हो , आरोग्य यंत्रणा का मनोबल गिराने वाली घटना न होने पाए इसके लिए अत्यंत सावधानी पूर्वक काम करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की इस लाट में आक्सीजन का कितना महत्त्व है यह बताने की जरुरत नहीं है। आक्सीजन के प्रत्येक कार्य के लिए हम रात दिन प्रयत्न कर रहे हैं। क बैठक में आक्सीजन रिसाव न होने के लिए निर्देश दिए है इसके बावजूद यह घटना कैसे हुई। इसकी जांच जिम्मेदारी निश्चित करने का निर्देश मुख्य सचिव को दिया है। इसके प्रत्येक अस्पताल के स्थान में आक्सीजन के भण्डारण का ध्यान रखते हुए सुयोग्य उपाय हो और को आक्सीजन मिल्नेमें आने वाली दिक्कत तत्काल दूर करने का निर्देश दिया है।