ठाणे [ युनिस खान ] आंध्र प्रदेश की तर्ज पर ठाणे के कोरोना मरीजों का मनपा की ओर से मुफ्त उपचार कराने की कांग्रेस ने मांग की है। कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि कुछ समय के लिए विकास कार्यों को छोड़कर कोरोना संक्रमित मरीजों के मुफ्त उपचार पर पैसे खर्च किया जाए।
ठाणे शहर जिला कांग्रेस की ओर से पत्रकार सम्मेलन आयोजित कर इस आशय की मांग की गयी है। इस दौरान शहर अध्यक्ष एड विक्रांत चव्हाण व प्रदेश महासचिव मनोज शिंदे , मुख्य प्रवक्ता सचिन शिंदे ,सुखदेव घोलप ,रमेश इन्दिसे गिरीश कोली आदि पदाधिकारी उपस्थित थे। एड विक्रांत चव्हाण ने कहा कि गत वर्ष से कोरोना के नाम पर बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार शुरू है। मरीजों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है। कोरोना संक्रमण रोकने व मरीजों के उपचार की सामग्री खरीदी व अस्पताल बनाने , औषधि खरीदी , भोजन व्यवस्था इन सब में करोड़ों रूपये का भ्रष्टाचार किया जा रहा है। वेंटिलेटर खरीदी के बदले 10 करोड़ रूपये की रिश्वत के लेते आरोग्य अधिकारी की गिरफ़्तारी से यह स्पष्ट हो गया है यह एक प्रकरण है। उन्होंने कहा ही करोडो रूपये खर्च करने के बावजूद मरीजों को उचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। एड चव्हाण ने कहा कि मनपा अधिकारी व सत्ताधारी दल की मिलीभगत से भ्रष्टाचार हो रहा है। उन्होंने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से जांच कराने की मांग किया है। ब्यूरो से जांच नहीं कराने पर आन्दोलन की भी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अप्रैल 2019 में उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद अनधिकृत या मानक की पूर्ति न करने वाले अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई व बंद नहीं कराया गया। इसमें उन्होंने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा है कि कोरोना महामारी को रोकने के लिए पैसे नहीं है तो आयुक्त बंगले के नवीनीकरण के लिए पैसे कहाँ से आ गये। वेदांत व मुंब्रा की प्राईम अस्पताल की घटना केलिए जिम्मेदार अधिकारीयों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
प्रदेश महासचिव शिंदे ने कहा कि कोरोना वैक्सीन के बारे में केंद्र और राज्य सरकार को समन्वय बनाकर काम करने की आवश्यकता है। निजी अस्पताल शासन निर्धारित दर से अधिक पैसे मरीजो से वसूल रहे हैं इस पर अंकुश लगाने के लिए कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। जिस तरह आंध्र प्रदेश की सरकार ने कोरोना मरीजों के मुफ्त उपचार की घोषणा की है उसकी तर्ज पर मनपा को मुफ्त उपचार की सुविधा मुहैया करने का निर्णय लेना चाहिए।