ठाणे [ युनिस खान ] जिले में एक वर्ष के दौरान आवारा कुत्तों की दहशत तेजी से बढ़ी है। ठाणे जिला सरकारी अस्पताल से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक आवारा कुत्तों ने एक साल की कालावधि में करीब साढ़े चार हजार लोगों को काट चुके हैं। दूसरी तरफ जिले में आवारा कुत्तों की आबादी भी बढ़ रही है, जो लोगों के लिए चिंता का विषय बन गया है।
गौरतलब है कि आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए उन्हें पकड़ नसबंदी की जाती है। हालांकि कोरोना महामारी के दौरान इस प्रक्रिया पर असर पड़ा है, जिस कारण आज बीते एक साल में न केवल आवारा कुत्ते लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं, बल्कि उनकी संख्या में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। बता दें कि आवारा कुत्तों का पकड़ उनका पशु चिकित्सा क्लिनिक में टीकाकरण किया जाता है। ठाणे सिटी एमएनएस एंड पॉज ने शहर में 500 कुत्तों के लिए एक एंटी-रेबीज टीकाकरण अभियान शुरू किया। ठाणे में 70,000 से अधिक आवारा कुत्ते हैं, जिनमें से मनपा के पशु चिकित्सा विभाग ने वर्ष 2014 से २०19 के बीच 58,000 से अधिक कुत्तों की नसबंदी की थी, लेकिन शहर में अब भी आवारा कुत्तों का खौफ बढ़ता जा रहा है। पिछले दो वर्षों में प्रशासन द्वारा अभियान शुरू करने में विफल रहने के बाद से कई कुत्तों की रेबीज से मौत हो चुकी है। आवारा कुत्तों को पकड़ कर उन्हें टीकाकरण के लिए पशु चिकित्सालय में भी नहीं लाया जा रहा है। चूंकि यह अभियान प्रशासन के माध्यम से लागू किए जाने के बजाय मनसे के स्वप्निल महिंद्रकर के माध्यम से लागू किया गया। शहर के वसंत विहार, हीरानंदानी मीडोज, कलवा, खरेगांव, लोकमान्य नगर, नौपाड़ा, जांभली नाका, घोड़बंदर रोड में अभियान चलाया गया। इस अभियान के तहत 500 कुत्तों को रेबीज का टीका लगाया गया और नौ पिल्लों को नाइन इन वन का टीका लगाया गया ताकि उन्हें गैस्ट्रो और डिस्टेंपर जैसी बीमारी न हो। इस बीच अभियान के हिस्से के रूप में कुत्तों के गले में रेडियम बेल्ट पहनाई गई है, ताकि अंधेरे में उनके साथ कोई दुर्घटना न हो। इससे हादसों में मरने वाले कुत्तों की संख्या में भी कमी आएगी। हर साल आवारा कुत्तों के काटने की कई घटनाएं होती हैं, लेकिन प्रशासन इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। इसलिए ठाणे शहर मनसे और पॉज ने 500 कुत्तों का टीकाकरण किया। ठाणे मनपा क्षेत्र में आवारा कुत्तों का टीकाकरण फिर से शुरू किया जाए। स्वप्निल महिंद्रकर ने मांग की है कि पिछले दो साल से बंद आवारा पशुओं के लिए नसबंदी केंद्र को मनपा प्रशासन द्वारा तत्काल शुरू किया जाए, ताकि कुत्तों की बढ़ती संख्या पर अंकुश लगाया जा सके।