उन्नत और पोर्टेबल माइक्रो–एटीएम बैंक रहित क्षेत्रों में सभी पारंपरिक एटीएम सुविधाएं प्रदान करते हैं
येस्थानीय खुदरा दुकानों और आउटलेट के माध्यम से तुरंत नकद वितरित कर सकते हैं
मुंबई , पे-पॉईंट इंडिया ने ईशान्य भारत में ‘माइक्रो-एटीएम’ (एम-एटीएम) की एक श्रृंखला शुरू की है, जो देश के उन क्षेत्रों में प्राथमिक बैंकिंग सेवाएं ला रही है जहां बैंकिंग सेवाएं दुर्लभ हैं। भारत के ईशान्य राज्यों का भूगोल परंपरागत रूप से बुनियादी बैंकिंग सेवाओं, मुख्य रूप से एटीएम सुविधाओं से वंचित रहा है। पहाड़ी क्षेत्रों में अक्सर कनेक्टिविटी की कमी होती है, जिससे असंगत और अपूर्ण बैंकिंग लेनदेन होते हैं।
बड़े एटीएम के मिनी-संस्करण एम-एटीएम ग्रामीण क्षेत्रों में आसानी से उपलब्ध कर सकते हैं ताकि लोगों को बड़े एटीएम या बैंकों तक पहुंचने के लिए लंबी दूरी की यात्रा न करनी पड़े, जिससे समय की बचत और परेशानी कम होगी। स्थानीय किराना स्टोर पर हैंडहेल्ड मशीनें लगाई जा सकती हैं और कैश फ्लो लगातार उपलब्ध है। यह सुनिश्चित करने के लिए इन स्टोर्स पर उनके ही कैश बॉक्स का इस्तेमाल किया जा सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुसार, उत्तर पूर्व में 1.35 करोड़ ऑपरेटिव डेबिट कार्ड धारकों के लिए केवल 6,183 एटीएम उपलब्ध हैं। पे-पॉईंटने एक पायलट प्रोग्राम के दौरान पहले ही ईशान्य भारत में लगभग 900 एम-एटीएम प्रदान किए हैं। मार्च 2022 तक इसे बढ़ाकर 6,000-7,000 करने की योजना है। एम एटीएम की मांग आखिरी मील के लिए बढ़ रही है क्योंकि देश के अधिकांश हिस्सों में नकदी व्यवहार जारी है।