ठाणे [ युनिस खान ] कोरोना महामारी में अपने माता पिता को गवाने वाले बच्चों के पुनर्वास के मुद्दे पर आज जिला स्तरीय कृति समिति की जिलाधिकारी राजेश नार्वेकर की अध्यक्षता में बैठक हुई। बच्चों की देखरेख व संरक्षण का योग्य ध्यान रखने पर बातचीत की गयी। जिले में 959 लड़कों ने कोरोना काल में अपने माता पिता को गवांया है।
आज कोरोना महामारी में अपने माता पिता को गवाने वाले बच्चों के संरक्षण व पुनर्वास के लिए गठित जिला स्तरीय कृति समिति की जिलाधिकारी कार्यालय में बैठक हुई। बैठक में सभी महानगर पालिका के आयुक्त व संबंधित विभा के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे। ठाणे जिले में 18 वर्ष से कम आयु के एक अविभावक गवाने वाले 959 बच्चे हैं जबकि 18 वर्ष से कम आयु के दोनों अविभावक माता और पिता को गवाने वाले 29 बच्चे हैं। इसी तरह 18 वर्ष से अधिक व 23 वर्ष से कम 15 लड़के और 669 विधवा महिला हैं। 29 लड़कों ने कोरोना संक्रमण में अपने माता पिता दोनों को गवां दिया है। ऐसे लड़के आयु के 21 वर्ष बाद ब्याज सहित 5 लाख रूपये के अनुदान के पात्र हैं जबकि 959 लड़के 1125 रूपये बालसंगोपन योजना के लिए पात्र है। विधवा महिलाओं को संजय गाँधी निराधार योजना का लाभ देने के लिए जिलाधिकारी नार्वेकर ने संबंधित तहसीलदारों को आदेश दिया है। कोरोना काल में जिन बच्चों के अविभावकों की मृत्यु हुई है उन्हें शिक्षा शुल्क के लिए मदद करने का निर्देश शिक्षा अधिकारी को दिया है। बैठक में जिलाधिकारी नार्वेकर ने कोरोना काल में अविभावकों को गवांने वाले बच्चो व विधवा महिलाओं की मदद के लिए अधिकारीयों व कर्मचारियों को ध्यान देने के लिए निर्देशित किया है।