मुंबई , सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के संवर्द्धन, वित्तपोषण और विकास में संलग्न शीर्ष वित्तीय संस्था भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) ने 27 जून, 2021 को विश्व एमएसएमई दिवस के अवसर को ‘विकास सप्ताह’ के रूप में मानते हुए एमएसएमई इकाईयों के लिए विभिन्न विकासात्मक उपाय किए हैं। अपनी परियोजना साहस के अंतर्गत सिडबी ने गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज, त्रिचूर में ” स्वावलंबन चेयर फॉर एमएसएमई सॉल्यूशंस” की स्थापना की है। इस चेयर का उद्देश्य अनुसंधान कार्य और उद्यमिता संस्कृति को प्रेरित करना होगा। यह स्वावलंबन संसाधन सुविधा द्वारा समर्थित है जिसे विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय, यूनाइटेड किंगडम के साथ साझेदारी में स्थापित किया गया है। यह इस क्षेत्र में उद्यमों के लिए उत्पाद / प्रक्रिया के समाधान लाएगा, स्थानीय चिंता के विषयों का मापन कर, उनके समाधान / विचार को आकार देने, परीक्षण करने, मान्य करने और उनके उद्यमशील उद्यमों की शुरुआत करने के लिए प्रोफेसरों की सलाह लेते हुए युवाओं का समर्थन प्रदान करेगा। यह चेयर अंतर कॉलेज अध्ययन को भी बढ़ावा देगा।
सिडबी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री सिवसुब्रमणियन रमण ने कहा, “इस चुनौतीपूर्ण समय में उद्यमियों को सशक्त बनाने और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने की हमारी भूमिका है। इसे ध्यान में रखते हुए, विभिन्न पहलों के माध्यम से, हम उद्यम विकास चक्र का समर्थन करने की योजना बना रहे हैं जिसमें विचार, स्थापना, पुनर्जीवन और उसको पनपने देने के साथ-साथ उसे आगे बढ़ाना भी शामिल है। एक ओर हम अधिक आजीविका उद्यमियों की पहचान करने की दिशा में काम कर रहे हैं और दूसरी ओर हम उन्हें सुदृढ़ करने के लिए उनकी क्षमता का निर्माण करने के लिए भी कदम उठा रहे हैं। इन उपायों के फलदायी होने से, हम नौकरी ढूँढने वालों के बजाय अधिक नौकरी सृजकों के एक समाज बनाने के प्रति आशान्वित हैं।”
नवोदित उद्यमियों का पथप्रदर्शन करने के उद्देश्य से सिडबी ने भारतीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम परिसंघ (CIMSME) को ‘स्वावलंबन सुविधा केंद्र’ स्थापित करने के लिए सहायता प्रदान की है। यह केंद्र सूचना विषमता चुनौतियों का समाधान करेगा और जिज्ञासु युवाओं के लिए उत्तरदायी समाधान प्रस्तुत करेगा, कोविड चुनौतियों का सामना करने वाले प्रभावित उद्यमों की सेवा करेगा, उद्यम पंजीकरण में सहायता करेगा और सूक्ष्म और लघु उद्यमों (एमएसई) को उद्यमी मित्र पोर्टल, स्टैंडअपमित्र पोर्टल, पीएसबीलोनइन 59 मिनिट्स जैसे डिजिटल समाधानों के लिए सक्षम करेगा।
सिडबी ने अपनी ओर से कोविड प्रभावित आबादी के लिए अक्षय पात्र फाउंडेशन के माध्यम से भोजन प्रायोजित करके कोविड के लिए काम करने वाले सूक्ष्म लघु इकाइयों और संघों को भी सम्मानित किया है । सिडबी ने इस कोविड अवधि के दौरान 2.10 लाख भोजन वितरित किए हैं। इसके अलावा सिडबी ने अपने मिशन 10000 स्वावलंबी पहल के तहत उभरते हुए उद्यमियों और नौकरी देने वालों की कहानियों को प्रदर्शित करने के लिए एक पुस्तिका तैयार की है। इन प्रेरणादायक कहानियों का उद्देश्य आकांक्षी भारत के सपनों को आकार देना और उन्हें रोजगार सृजन की यात्रा में मदद प्रदान करना है।
सिडबी ने एमएसएमई इकाइयों को कोविड संकट के दौरान उनकी चुनौतियों का सामना करने में मदद करने के लिए ‘ग्लोबल एलायंस फॉर मास एंटरप्रेन्योरशिप’ के साथ एक समझौता ज्ञापन निष्पादित किया है। समझौता ज्ञापन के तहत शामिल व्यापक विषयों में क्रेडिट पहुंच का विस्तार, औपचारिकीकरण को बढ़ाना, प्रतिस्पर्धी क्लस्टर बनाना और व्यापार करने में आसानी के लिए कानूनी ढांचे में सुधार करना शामिल है।
कोविड से प्रभावित प्रवासी आबादी के लिए उद्यमशीलता के अवसरों की पहचान हेतु 11 राज्यों, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, असम, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में त्वरित रूप से रूपरेखा तैयार की गई है। इन राज्यों में सिडबी ने एमएसएमई पर यूके सिन्हा समिति की सिफारिशों के आधार पर परियोजना प्रबंधन इकाइयां स्थापित की हैं। इनसे प्राप्त इनपुट से स्थानीय/क्षेत्रीय स्तरों पर उद्यमशीलता के उपक्रमों पर निर्णय लेने में सुगमता की आशा है।
सिडबी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री सिवसुब्रमणियन रमण ने कहा, “इस चुनौतीपूर्ण समय में उद्यमियों को सशक्त बनाने और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने की हमारी भूमिका है। इसे ध्यान में रखते हुए, विभिन्न पहलों के माध्यम से, हम उद्यम विकास चक्र का समर्थन करने की योजना बना रहे हैं जिसमें विचार, स्थापना, पुनर्जीवन और उसको पनपने देने के साथ-साथ उसे आगे बढ़ाना भी शामिल है। एक ओर हम अधिक आजीविका उद्यमियों की पहचान करने की दिशा में काम कर रहे हैं और दूसरी ओर हम उन्हें सुदृढ़ करने के लिए उनकी क्षमता का निर्माण करने के लिए भी कदम उठा रहे हैं। इन उपायों के फलदायी होने से, हम नौकरी ढूँढने वालों के बजाय अधिक नौकरी सृजकों के एक समाज बनाने के प्रति आशान्वित हैं।”
सिड्बी के बारे में: 1990 में अपने गठन के बाद से सिडबी अपने एकीकृत, अभिनव और समावेशी दृष्टिकोण के माध्यम से समाज के विभिन्न स्तरों पर नागरिकों के जीवन को प्रभावित कर रहा है। सिडबी ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से विभिन्न ऋण और विकासात्मक उपायों के माध्यम से सूक्ष्म और लघु उद्यमियों (एमएसई) के जीवन को छुआ है, चाहे ये पारंपरिक व घरेलू छोटे उद्यमी हों; उद्यमिता पिरामिड के निम्नतम स्तर के उद्यमी हों अथवा उच्चतम स्तर के ज्ञान-आधारित उद्यमी हों। सिडबी 2.0 अपने साथ समावेशी, अभिनव और प्रभाव-उन्मुख संबद्धताओं की दृष्टि को लेकर चल रहा है।
अधिक जानकारी के लिए कृपया वेबसाइट https://www.sidbi.in पर जाएँ।