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पेयजल की समस्या से परेशान नागरिकों ने कांबे ग्राम पंचायत कार्यालय का किया घेराव

भिवंडी [एम हुसेन ] भिवंडी तालुका के कांबे ग्रामपंचायत क्षेत्र में नागरिक दूषित पानी पीने के लिए मज बूर हैं,इस ग्रामपंचायत की बस्तियों और मोहल्ले में कम दबाव से  नलों में पानी आता है। यही नहीं एक सप्ताह में केवल एक बार ही पानी आता है,जिससे तंग आकर नागरिकों ने ग्रामपंचायत कार्यालय के सामने आज सोमवार के दिन हंडा मोर्चा निकालकर घेराव किया ।इस आंदोलन में बड़ी संख्या में महिलाओं के साथ नागरिक  
उपस्थित थे।
             उल्लेखनीय है कि कांबे ग्राम पंचायत की लोक संख्या लगभग दस हजार है,वहीं पर स्टेम द्वारा ग्रामपंचायत के लिए प्रतिदिन एक लाख लीटर पानी उपलब्ध करवाया जाता है परंतु गांव तक जाने वाली स्टेम की पाइप लाइन में अनाधिकृत कनेक्शन होने के कारण गांव तक पानी पहुंचने से पहले ही चोरी हो जाता है ।जिसके कारण ग्रामीणों को कम दबाव से पानी मिलने के परिणामस्वरूप मानसिक व शरीरिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।  उक्त समस्या के समाधान के लिए कांबे ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने एकजुट होकर "हक्क पानी संघर्ष समिति" गठन कर समिति के नेतृत्व में ग्राम पंचायत कार्यालय के सामने हंडा मोर्चा निकाला जिसमें ग्रामीण परिसर की अनेक महिलाएं व पुरुष शामिल थे ।जि.प.सदस्य प्रकाश तेलीवरे, पूर्व पं.स.सभापति श्रीधर खारीक ,अजिंक्य गायकवाड ,सुभाष रापटे,आकाश गायकवाड ,अंकुश मिरका,विजय भगत, समीर रापटे आदि लोगों के एक शिष्टमंडल ने सरपंच सुखदेव पागी, ग्रामविकास अधिकारी प्रल्हाद वानखेडे से भेंटवार्ता कर के ज्ञापन सौंपा तथा ग्राम पंचायत प्रशासन के विरोध में तीव्र विरोध प्रदर्शन किया।
            इस हंडा मोर्चा में शामिल ज्योती प्रदीप भोई ने कहा कि पानी ही जीवन है परंतु एक सप्ताह में एक बार ही गांव में पानी आता है ,जिसके कारण पानी को संचित करना पड़ता है।बारिश के दरम्यान संचित पानी खराब होने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है ।जिसे पीने से अनेक प्रकार की बीमारियों के पैदा होने से इनकार नहीं किया जा सकता है ।समय पर पानी नहीं मिलने के कारण ग्रामीणों को पानी टैंकर द्वारा पानी खरीद कर पीना पड़ता है,  वहीं पर पानी संचित करने के लिए पर्याप्त बर्तन नहीं होने पर नागरिकों को खारा व दूषित पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है जो चिंतनीय है।
 इसी प्रकार अजिंक्य गायकवाड ने कहा कि स्टेम से मिलने वाला पूरा पानी ग्रामीणों को उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी ग्रामपंचायत प्रशासन की है।वर्ष 2016 से प्रलंबित करोड़ों रुपए की पानी पुरवठा योजना को तत्काल लागू किया जाए अन्यथा ग्रामीणों द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा।कांबे ग्रामपंचायत के वर्तमान सरपंच सुखदेव पागी ने बताया कि ग्रामीणो की भावनाओं को समझा जा सकता है ,परंतु कम दबाव से तथा कम पानी मिलने की सब जवाबदेही स्टेम प्रशासन की है ।इसी प्रकार ग्राम पंचायत के 
पानी का बिल भी बकाया नहीं होने के बावजूद गांव में कम दबाव से पानी स्टेम द्वारा छोड़ा जाता है।ऐसी परस्तिथि में यदि ग्रामीण उप विभागीय कार्यालय पर मोर्चा आंदोलन करेगें तो हम सब उनके साथ खड़े रहेगें।उक्त अवसर पर भारी संख्या में पुलिस सुरक्षा बल को  निजामपुरा पुलिस स्टेशन द्वारा  तैनात किया गया था।

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