ठाणे [ युनिस खान ] कोविड 19 के उप नगरीय ट्रेन में वकील व उनके स्टाफ को यात्रा करने की की अनुमति नहीं होने से कल्याण, अबरनाथ, बदलापुर, कसारा, ठाणे, वाशी, बेलापुर से मुंबई, ठाणे जाने वाले वकीलों को परेशानी झेलना पद रहा है। लोगों को न्याय दिलाने वाला वकील व उससे जुड़ा यह वर्ग भी आर्थिक संकट में आ गया है। एड जावेद शेख ने वकील और उनके पेशे से जुड़े स्टाफ को उप नगरीय ट्रेनों में यात्रा करने की अनुमति देने की मांग की है।
कानूनी पेशे से जुड़े वकीलों के लिए उपनगरीय ट्रेन में यात्रा की अनुमति नहीं होने के कारण कोविड-19 ने पिछले साल से सभी वकीलों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान में ठाणे, मुंबई, नवी मुंबई, कल्याण, शाहपुर, मुरबाड, पनवेल में लगभग 20,000 से 25,000 वकील इस पेशे से जुड़े हैं। उपनगरीय ट्रेन में यात्रा की सुविधा नहीं है और कोर्ट की कार्यवाही केवल 11 से 2 की अवधि में अत्यावश्यक मामलों के लिए खुली है। इसलिए वकील अपने कनिष्ठ वकीलों के साथ-साथ उनके काम करने वाले क्लर्कों के मानदेय का भुगतान नहीं कर सकते हैं। वकीलों को घर चलाने, कार्यालय का किराया देने, गृह , कार्यालय के लिए कर्ज , बच्चों के स्कूल फीस का भुगतान करने के लिए मानदेय का भुगतान नहीं कर सकते हैं। कोविड 19 से वकीलों के लिए कोर्ट बंद होने के कारण वकीलों का आर्थिक चक्र चरमरा गया है। इस मामले को लेकर कुछ वकीलों ने तो आत्महत्या तक कर ली है। दिल का दौरा पड़ने से कई वकीलों की मौत हो गई है। कई वकीलों को उच्च रक्तचाप व मधुमेह की बीमारी हो गई हैं। कई वकीलों का कहना है कि अब तो दवा के इलाज के लिए पैसे नहीं बचे हैं।
केविड 19 के कारण अदालत के सीमित कामकाज के कारण जेल में आरोपियों की संख्या काफी बढ गई है। जेल में आरोपियों को रखने की कम हो गई है। कई आरोपियों को असीमित समय का इंतजार करना पड़ता है क्योंकि उनका केस नहीं चल रहा है। इन सभी परिस्थितियों के कारण, यदि कानूनी पेशे में प्रैक्टिस करने वाले वकीलों को कम से कम ट्रेन से यात्रा करने की अनुमति दी जाती है, तो उनके लिए मुंबई उच्च न्यायालय, मुंबई उपनगरों के सभी न्यायालय के साथ-साथ सभी ठाणे और ठाणे जिलों की अदालतों में उपस्थित होने में सुविधा होगी। इसलिए सभी वकील बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र और गोवा को इस उम्मीद से देख रहे हैं कि माननीय मुख्यमंत्री, रेल मंत्री तक अपनी बात पहुंचाएंगे।