ठाणे [ युनिस खान ] कोविड से पति की मृत्यु के कारण विधवा हो गई महिलाओं को संजय गांधी निराधार योजना का लाभ दिलाने के लिए तत्काल कार्यवाही करने का निर्देश उप जिलाधिकारी गोपीनाथ ठोंबरे ने दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसी महिलाओं को स्थायी आत्मनिर्भरता के लिए रोजगारपरक प्रशिक्षण देने का भी प्रस्ताव बनाया जाए।
कोविड-19 के प्रकोप के कारण अविवाहित व विधवा महिलाओं के समुचित पुनर्वास के लिए गठित जिला स्तरीय कार्रवाई समिति की चौथी बैठक हुई है। जिसमें जिला महिला एवं बाल कल्याण अधिकारी महेंद्र गायकवाड़, उल्हानगर नगर निगम उपायुक्त प्रियंका राजपूत, उप शिक्षा अधिकारी ललिता कावड़े, सहायक पुलिस आयुक्त जगदीश सातव, प्रकाश नीलेवाड़, ठाणे जिला परिषद उप कार्यकारी अधिकारी (बाल कल्याण), तहसीलदार सुरेंद्र ठाकुर, महिला एवं अधिकारी अशोक बगुल सहित बाल कल्याण अधिकारी संजय खंडगले, नगर निगम, पुलिस, जिला परिषद आदि के बाल विकास परियोजना अधिकारी उपस्थित थे।
अब तक किए गए कार्यों की समीक्षा करते हुए ठोंबरे ने कहा कि कोविड के कारण कई लोगों की स्थिति खराब हुई है। कई घरों में पुरुषकर्ता की मौत से कई महिलाएं बेसहारा हो गई हैं साथ ही बच्चे अनाथ हो गए हैं। इसलिए ऐसे लोगों की तत्काल मदद के लिए सभी एजेंसियों को संवेदनशील होकर काम करने की जरूरत है। ऐसे 1,046 बच्चे हैं जिन्होंने एक या दोनों माता-पिता को कोविड महामारी में खो दिया है। इनमें से 383 बच्चों को चाइल्डकैअर योजना के लिए ऑर्डर दिया गया है। बाकी बच्चों तक पहुंचकर उनकी तुरंत उनकी मदद करें। जीएम फाउंडेशन अनाथ बच्चों की शिक्षा के लिए सहायता प्रदान कर रहा है। अब तक 66 बाल सूचना प्रस्ताव तैयार किए जा चुके हैं। उन्होंने शिक्षा विभाग को बच्चों के स्कूलों के साथ समन्वय स्थापित करने के भी निर्देश दिए ताकि उन तक मदद पहुंचे।
उन 945 महिलाओं के बारे में जानकारी जुटाई गई है जिनके पति की मौत कोविड-19 से हुई है। इनमें से 66 महिलाओं को संजय गांधी निराधार योजना का लाभ दिया गया है। बाकी महिलाओं को भी इस योजना का लाभ मिले, इसे अविलंब कार्यवाही पूरा किया जाए। ऐसी महिलाओं को आत्मनिर्भर और सक्षम बनाने के लिए उन्हें विशेष प्रशिक्षण देने का भी प्रस्ताव है। इससे ये महिलाएं अपने दम पर काम करने और घर चलाने में सक्षम होंगी। उन्होंने यह भी कहा कि इन महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए एमआईडीसी में विभिन्न कंपनियों से संपर्क कर योजना तैयार की जाए। इस समय, माता-पिता दोनों को खो चुकी तन्वी गांधी को उप जिलाधिकारी ठोंबरे ने अनाथ प्रमाण पत्र सौंपा गया। महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से उन्हें प्रति माह 1125 रुपये दिए जाएंगे।
कोविड-19 के प्रकोप के कारण अविवाहित व विधवा महिलाओं के समुचित पुनर्वास के लिए गठित जिला स्तरीय कार्रवाई समिति की चौथी बैठक हुई है। जिसमें जिला महिला एवं बाल कल्याण अधिकारी महेंद्र गायकवाड़, उल्हानगर नगर निगम उपायुक्त प्रियंका राजपूत, उप शिक्षा अधिकारी ललिता कावड़े, सहायक पुलिस आयुक्त जगदीश सातव, प्रकाश नीलेवाड़, ठाणे जिला परिषद उप कार्यकारी अधिकारी (बाल कल्याण), तहसीलदार सुरेंद्र ठाकुर, महिला एवं अधिकारी अशोक बगुल सहित बाल कल्याण अधिकारी संजय खंडगले, नगर निगम, पुलिस, जिला परिषद आदि के बाल विकास परियोजना अधिकारी उपस्थित थे।
अब तक किए गए कार्यों की समीक्षा करते हुए ठोंबरे ने कहा कि कोविड के कारण कई लोगों की स्थिति खराब हुई है। कई घरों में पुरुषकर्ता की मौत से कई महिलाएं बेसहारा हो गई हैं साथ ही बच्चे अनाथ हो गए हैं। इसलिए ऐसे लोगों की तत्काल मदद के लिए सभी एजेंसियों को संवेदनशील होकर काम करने की जरूरत है। ऐसे 1,046 बच्चे हैं जिन्होंने एक या दोनों माता-पिता को कोविड महामारी में खो दिया है। इनमें से 383 बच्चों को चाइल्डकैअर योजना के लिए ऑर्डर दिया गया है। बाकी बच्चों तक पहुंचकर उनकी तुरंत उनकी मदद करें। जीएम फाउंडेशन अनाथ बच्चों की शिक्षा के लिए सहायता प्रदान कर रहा है। अब तक 66 बाल सूचना प्रस्ताव तैयार किए जा चुके हैं। उन्होंने शिक्षा विभाग को बच्चों के स्कूलों के साथ समन्वय स्थापित करने के भी निर्देश दिए ताकि उन तक मदद पहुंचे।
उन 945 महिलाओं के बारे में जानकारी जुटाई गई है जिनके पति की मौत कोविड-19 से हुई है। इनमें से 66 महिलाओं को संजय गांधी निराधार योजना का लाभ दिया गया है। बाकी महिलाओं को भी इस योजना का लाभ मिले, इसे अविलंब कार्यवाही पूरा किया जाए। ऐसी महिलाओं को आत्मनिर्भर और सक्षम बनाने के लिए उन्हें विशेष प्रशिक्षण देने का भी प्रस्ताव है। इससे ये महिलाएं अपने दम पर काम करने और घर चलाने में सक्षम होंगी। उन्होंने यह भी कहा कि इन महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए एमआईडीसी में विभिन्न कंपनियों से संपर्क कर योजना तैयार की जाए। इस समय, माता-पिता दोनों को खो चुकी तन्वी गांधी को उप जिलाधिकारी ठोंबरे ने अनाथ प्रमाण पत्र सौंपा गया। महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से उन्हें प्रति माह 1125 रुपये दिए जाएंगे।
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