ठाणे [ युनिस खान ] मानसून से पहले सड़कों की मरम्मत के बाद भी मानसून के दौरान सड़कों पर गड्ढे हो जाते हैं। इससे पता चलता है कि काम की गुणवत्ता की जांच नहीं होती है। इसलिए जिन अधिकारियों के अधिकार क्षेत्र में ये सड़कें होंगी, उनकी जिम्मेदारी तय कर संबंधित ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करें। आवश्यक होने पर उक्त ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट करें। नगर विकास मंत्री व जिले के पालक मंत्री एकनाथ शिंदे ने मनपा आयुक्त डा विपिन शर्मा को इस आशय का निर्देश दिया है।
पिछले चार-पांच दिनों में हुई लगातार बारिश और सड़कों की खराब स्थिति के कारण ठाणेकर को ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ रहा है। इसे गंभीरता से लेते हुए पालक मंत्री शिंदे ने ठाणे मनपा , एमएसआरडीसी, एमएमआरडीए, लोक निर्माण विभाग, मेट्रो और एनएचएआई के अधिकारियों के साथ आनंदनगर चेकनाका से गायमुख और पड़घा तक की सड़कों का निरीक्षण किया। ठाणे मनपा आयुक्त डा विपिन शर्मा को उन्होंने इस आशय का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सड़क चाहे मनपा की हो या एमएमआरडीए की, एमएसआरडीसी का आम आदमी से कोई लेना-देना नहीं है। यदि ठेकेदार सड़क का कार्य ठीक से नहीं कर रहा है तो यह देखना संबंधित अधिकारी का काम है। वह उसकी निगरानी करे। कार्य निर्धारित मानकों के अनुसार किया जा रहा है या नहीं। यदि घटिया दर्जे का काम किया जा रहा है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। ठेकेदार को गड्ढों को भरने के लिए भुगतान किया जाता है, वह मुफ्त में काम नहीं कर रहा है। भुगतान करने के बाद भी काम की गुणवत्ता नहीं बनी रहती है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है। उन्होंने आयुक्त को संबंधित ठेकेदारों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इस बात की गहन जांच की जा सके कि मानसून से पहले गड्ढे भरने के बाद भी फिर से कैसे कैसे गड्ढे हुए।
गड्ढों को भरने के लिए सरकार पैसे देती है, लेकिन पहली बारिश में ही गड्ढे फिर हो जाते हैं। इसलिए सरकार का नाम खराब था। प्रशासन और ठेकेदार की निष्क्रियता से जनप्रतिनिधियों को जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अब से इस तरह की घटना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। घोडबंदर रोड स्थित तीनहाथ नाका, आनंदनगर एवं गायमुख में गड्ढों को भरने के कार्य का निरीक्षण करते हुए पालकमंत्री शिंदे संबंधित अधिकारियों को गुणवत्ता पर ध्यान देने का निर्देश दिया।