ठाणे [ युनिस खान ] ठाणे शहर को गड्ढा मुक्त करने के लिए मनपा ने करीब 64 लाख रूपये खर्च कर मोबाइल अप्लिकेशन तैयार था | नागरिक अपने मोबाइल से सड़क पर हुए गड्ढों का फोटों निकालकर जैसे ही मनपा के इस अप्लिकेशन पर उपलोड करेंगे, उसके दो दिन बाद उक्त गड्ढा को पाटने की योजना बनी थी। फोटों मिलने के बाद बिना देर किये सड़क पर हुए गड्ढों को बुझाने का काम किया जाने वाला था | यह योजना तत्कालीन मनपा आयुक्त संजीव जायसवाल ने बनाया था। इस महत्वाकांक्षी योजना को मनपा ने बुला दिया है। आज शहर की सडकों के गड्ढों को लेकर शहर से गुजरने वाले वहां चालक व नागरिक परेशान है। यातायात जाम से लोग परेशान हो रहे है गड्ढा मुक्त सड़क और सडकों के गड्ढों को लेकर पहले जैसा राजनितिक दल आन्दोलन भी नहीं कर रहे है। सड़क के गड्ढों की फोटो भेजो इनाम पाओ योजना कब शुरू होगी।
उल्लेखनीय है कि मनपा प्रशासन को सड़क पर हुए गड्ढों को लेकर लगातार मिल रही शिकयातों पर मनपा शासन , प्रशासन दोनों चुप हैं। जैसे गड्ढों की कोई समस्या ही नहीं है। गड्ढा मुक्त सडकों के लिए मनपा प्रशासन काम कर रही है न ही गड्ढा मुक्त सड़क के लिए आन्दोलन हो रहे है। तत्कालीन मनपा आयुक्त संजीव जायसवाल ने गंभीरता से लेते हुए विभिन्न प्रभाग समिति क्षेत्र में स्थित सड़कों पर छोटे तथा बड़े गड्ढों को बुझाने का निर्देश था। उस समय लगातार बारिश से शहर के सड़कों पर 455 गड्ढे बन गए थे | नागरिकों द्वारा सड़क के गड्ढों के बारें में जानकारी मनपा प्रशासन तक पहुचाने के लिए स्टार ग्रेड (सिस्टम टू ट्रंक, आलनाइज, रिड्रेसल आफ डिमांड एंड ग्रिव्हसेंस) नामक मोबाइल अप्लिकेशन तैयार किया गया था | उक्त मोबाइल अप्लिकेशन के जरिये नागरिक गड्ढों का फोटो खींचकर उसे मनपा के वरिष्ठ अधिकारीयों तक पहुंचा सकते थे। फोटो मिलने के बाद अगले दो दिनों में गड्ढों को पटना था। सड़क पर गड्ढा होने व उसकी शिकायत मिलने के बावजूद मनपा अधिकारीयों द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने जैसी समस्याओं को देखते हुए यह अप्लिकेशन तैयार किया गया है | प्रोबिटी साफ्ट प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी द्वारा तैयार किये गए अप्लिकेशन पर 64 लाख रुपये खर्च किया गया था | मनपा की सभी प्रभाग समितियों में उक्त कंपनी के इंजिनियर देखरेख करने वाले थे। आज न पहले जैसे गड्ढा मुक्त सड़क के लिए आन्दोलन हो रहा है और न ही गड्ढा दिखाओं इनाम पाओ जैसी योजना शुरू करने की प्रशासन की महत्वाकांक्षा है। सडकों पर गड्ढे हो या गड्ढों में सड़क हो , कोई कितना परेशान है इससे शासन व प्रशासन को कोई फरक नहीं पड़ता है।