



ठाणे [ युनिस खान ] नौपाड़ा में गोखले रोड के सरस्वती मंदिर ट्रस्ट के स्कूल की घंटी पौने दो साल बाद बजती है। आज हम आपको महिला शिक्षा के अग्रदूत धोंडो केशव कर्वे पर एक सबक सिखाने जा रहे हैं। जिला कलेक्टर राजेश नार्वेकर ने कोरोना काल में बंद हुए शिक्षा उत्सव का इतने अनोखे तरीके से उद्घाटन कर अनूठी मिसाल पेश की। वहीँ स्कूल के पूर्व विद्यार्थी व शहर के महापौर नरेश म्हस्के ने घंटा बजाकर क्लाश शुरू करने की सूचना दी।
स्कूल आज लगभग अलग तरह से शुरू हो रहा था। प्रवेश द्वार पर रंगोली बनाई गई थी। स्कूल की घंटी को फूलों से सजाया गया। कोरोना संकट के कारण जिले के स्कूलों को फिर से शुरू होने में दो साल लग गए। अतः आज इस नवीन शैक्षिक उत्सव का शुभारंभ करते हुए कलेक्टर नार्वेकर ने बच्चों को पढ़ाने की मानसिकता दिखाई है।
इसी के तहत सरस्वती मंदिर ट्रस्ट के नए भवन में आज पहली बार कक्षाएं भरी गईं। कलेक्टर नोर्वेकर स्कूल की दूसरी मंजिल पर 10वीं बी क्लास में पाठ पढ़ाने आए थे। कक्षा शिक्षक ने नए शिक्षक को छात्रों से मिलवाया। इसके बाद अगले आधे घंटे तक नार्वेकर इसी वर्ग में थे। उन्होंने मराठी पुस्तक दसवीं में कर्ता सुधारक कर्वे का पाठ पढ़ाया। इस पाठ के माध्यम से धोंडो केशव कर्वे ने महिलाओं की शिक्षा के लिए किए गए कार्यों को इस उद्देश्य से सिखाया कि महिलाएं शिक्षित होंगी तभी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को वास्तविक महत्व मिलेगा।
पुस्तक ज्ञान के साथ-साथ परिवेश का ज्ञान भी बढ़ाना चाहिए। स्वयं को विकसित करने के लिए ज्ञान प्राप्त करना चाहिए। विश्लेषणात्मक अध्ययन किया जाना चाहिए। शिक्षकों को भी छात्रों के चिकित्सा दृष्टिकोण को प्राथमिकता देनी चाहिए।
आज के शिक्षक , जिला कलेक्टर नार्वेकर ने कहा कि कोरोना ने ऑनलाइन पढ़ाई को बनाया विकल्प शिक्षकों द्वारा किए गए संस्कार वास्तविक विद्यालय में आने पर प्राप्त होते हैं। अब स्कूल फिर से शुरू हो गए हैं। दोस्त फिर से व्यक्तिगत रूप से मिलेंगे। माता-पिता ने आपको स्कूल भेजा है अगर आप स्वस्थ रहेंगे तो उनके मन में कोई डर नहीं रहेगा और समाज में एक बड़ा संदेश जाएगा।
इस बीच सुबह महापौर नरेश म्हस्के व कलेक्टर नार्वेकर, शिक्षा अधिकारी शेषराव बढे की उपस्थिति में स्कूल के पहले दिन का उद्घाटन किया गया। महापौर के हाथ में घंटी बजाकर स्कूल की शुरुआत की गई। इस समय आयोजित एक छोटे से समारोह में महापौर म्हस्के और कलेक्टर नार्वेकर ने स्कूल के पूर्व छात्र होने की कई यादें साझा कीं। महापौर म्हस्के ने कहा कि शिक्षक के संस्कार से स्कूल का एक छात्र बना। जिला कलेक्टर नार्वेकर ने कहा कि मुझे खुशी है कि जिले में स्कूल शुरू हो रहे हैं और शिक्षण संस्थान जिला प्रशासन द्वारा दिए गए आदेशों का सख्ती से पालन करना चाहते हैं। संस्था के ट्रस्टी सुरेंद्र दिघे ने परिचय दिया। इस अवसर पर संस्था के न्यासी, निदेशक मंडल, शिक्षक एवं कर्मचारी उपस्थित थे।