ठाणे [ युनिस खान ] उप्र लखीमपुर में हुए किसानों के नरसंहार के विरोध में महाराष्ट्र बंद को ठाणे शहर व जिले में मिला जुला असर दिखाई दिया। महाराष्ट्र बंद को सफल बनाने के लिए राज्य की महाविकास अघाड़ी के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर कर नागरिकों से बंद का पालन करने की अपील कर रहे थे। राकांपा और शिवसेना ने नागरिकों से बंद का समर्थन करने की अपील की थी।
सुबह नौ बजे राकांपा के पार्टी कार्यालय से रैली निकाली गई जिसका नेतृत्व राकांपा शहर जिला अध्यक्ष आनंद परांजपे ने किया। जब रैली जंभाली नाका में थी, तो महापौर नरेश म्हस्के, शिवसेना शहर प्रमुख रमेश वैती के नेतृत्व में कई शिवसैनिकों ने रैली में भाग लिया। इस बंद में व्यापारियों ने भी अपन समर्थन दिया। बंद के आयोजकों का कहना है कि जो लोग इस नुकसान को महसूस करते हैं। उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि हम बच गए तो व्यापार करेंगे, आज किसान कुचले गए हैं। कभी व्यापारियों को कल कुचला जाएगा। इसलिए केंद्र सरकार को सत्ता से बाहर करने की आवश्यकता है।
सोमवार को ठाणे में बंद का असर नहीं होने पर शिवसैनिकों ने रिक्शा चालकों को पीटने की कोशिश की। सड़क पर दिखे रिक्शा चालकों से मारपीट में शिवसेना के पदाधिकारियों के शामिल होने की शिकायत मिली है। ठाणे मनपा परिवहन विभाग को 14 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। ठाणे रेलवे स्टेशन क्षेत्र में कोई बस उपलब्ध नहीं थी, इस क्षेत्र में यात्रियों की कतारें थीं। ठाणे में वागले इस्टेट, वर्तक नगर, मजीवाड़ा, कोलशेत, पचपखाड़ी जैसे विभिन्न स्थानों पर काम करने आए यात्रियों को रिक्शा पर निर्भर रहना पड़ता क्योंकि बसें उपलब्ध नहीं थीं।
. भजपा विधायक संजय केलकर व एमएलसी एड निरंजन डावखरे ने कहा है कि लखीमपुर खीरी की घटना निंदनीय है इसका समर्थन नहीं किया जा सकता। ऑटोरिक्शा चालकों की पिटाई भी निंदनीय है। इसलिए पुलिस इन सभी के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई करे।