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कोंकण के शहरों में बाढ़ के खतरे को खत्म करने के लिए स्थायी उपाय किए जाएंगे- एकनाथ शिंदे 

रायगढ़ [ युनिस खान ]  कोंकण के शहरों की बाढ़ की समस्या को स्थायी रूप से दूर करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। इस आशय का स्पष्ट घोषणा नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने किया है। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की उपस्थिति में एक बैठक बुलाएंगे और उनसे इस संबंध में दीर्घकालिक उपाय करने के लिए कदम उठाने का अनुरोध करेंगे।  महाड़ नगर परिषद के श्री छत्रपति शिवाजी महाराज प्रशासनिक भवन के उद्घाटन समारोह में उन्होंने यह बात कहा है।
          महाड और चिपलून में क्रमश: 22 और 23 जुलाई, 2021 को भारी बारिश हुई।  उसके बाद शिंदे ने नागरिकों को तत्काल राहत प्रदान करने के साथ-साथ शहर को स्वच्छ और रोग मुक्त रखने के लिए विशेष प्रयास किए थे।  ठाणे, नवी मुंबई, पनवेल, कल्याण डोंबिवली व अन्य महानगर पलिका व नगर परिषद कर्मचारियों की मदद से इन शहरों को स्वच्छ कराया गया था। आज महाड नगर परिषद की ओर से इस सहायता के लिए आभार प्रकट करते हुए नगर विकास मंत्री  शिंदे को विशेष प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
नए भवन का उद्घाटन राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट, नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने किया। इस अवसर पर बोलते हुए नगर विकास मंत्री शिंदे ने कहा कि मेरी प्राथमिकता बीमारी के प्रसार को रोकना था जबकि शहर बाढ़ से क्षतिग्रस्त हो चूका था।  स्थानीय विधायकों, सांसदों, महापौरों और मुख्यमंत्रियों के सहयोग से शहर जल्दी ठीक कराया जा सका।  उन्होंने महाड़ नगर परिषद को न केवल बाढ़ के लिए बल्कि सड़कों, शहरीकरण और विशेष योजनाओं के माध्यम से नागरिकों को सुविधाएं प्रदान करने के लिए भी धन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। उन्होंने यह भी पूर्व शर्त रखी कि काम से समझौता किए बिना गुणवत्तापूर्ण काम किया जाए।
शहर के महाड सत्र न्यायालय को बाढ़ कम होने पर तुरंत एक करोड़ रुपये दिए गए।  उन्होंने यह भी कहा कि जब शहर की ऐतिहासिक चावदार झील कीचड़ से पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी, तब ठाणे मनपा के कर्मचारियों ने नगर परिषद के सहयोग से कंधे से कंधा मिलाकर सफाई की थी और आज यह पहले की तरह खूबसूरत दिखती है।
कोंकण के शहरों में बाढ़ के खतरे को कम करने के लिए राजस्व विभाग ने भी नदियों की गहराई और चौड़ाई बढ़ाने की आवश्यकता व्यक्त की क्योंकि वे मिटटी के कचरे से भरी हुई हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में जो सड़कें बह गई हैं या पुल टूट गए हैं, उनके निर्माण के लिए जल्द ही धन मुहैया कराया जाएगा। शहरी विकास नियमों में संशोधन किया जाएगा ताकि नदियों के पास के भवनों में 12 फुट स्टिलेटोस होना अनिवार्य किया जा सके। उन्होंने आश्वासन दिया कि बाढ़ के खतरे से लोगों को बचाने के लिए दीर्घकालीन उपाय किए जाएंगे।
राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले, लोकसभा सांसद सुनील तटकरे, रायगढ़ जिले की पालकमंत्री अदिति तटकरे, रायगढ़ जिलाधिकारी महेंद्र कल्याणकर, महाड नगर परिषद के मुख्य कार्यकारी महादेव रोडगे और महाविकास अघाड़ी के तीन घटक दलों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उअपस्थित थे।

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