भिवंडी [ युनिस खान ] भिवंडी मनपा की ओर से शहर की स्वच्छता पर प्रतिमाह करीब सवा करोड़ रुपए से अधिक खर्च करने के बावजूद शहर के कई क्षेत्र में साफ-सफाई ठीक तरीके से नहीं हो रही है। शहर में प्रमुख मार्गों के किनारे सहित गलियों, रहिवासी क्षेत्रों, पावरलूम क्षेत्रों में कचरे का अंबार जमा है जिससे नागरिकों में बीमारी की आशंका फ़ैल रही है।
गौरतलब है कि भिवंडी मनपा प्रशासन द्वारा शहर की साफ-सफाई के लिए प्रतिमाह कचरा ठेकेदारों को करीब 1 करोड़ 25 लाख रुपए से ज्यादा भुगतान किया जाता है। प्रतिमाह एक करोड़ रुपए से अधिक खर्च करने के बावजूद पावरलूम नगरी भिवंडी में कचरा ठेकेदारों की मनमानी की वजह से शहर में चारों ओर गंदगी का साम्राज्य कायम है। कचरा ठेकेदार मनमानी तरीके से कचरा उठाते हैं। नागरिकों की बार बार शिकायत के बावजूद कचरा सफाई ठेकेदार स्वच्छता को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाते हैं।
. मनपा क्षेत्र अंतर्गत प्रभाग क्रमांक 3 स्थित पटेल कंपाउंड,नारायण कंपाउंड, मूलचंद कंपाउंड, रुंगटा डाइंग के पीछे,शास्त्री नगर,बावला कम्पाउंड, म्हाडा कालोनी,गैबीनगर, नागांव, बैतालपाड़ा,निजामपुर, सहित तमाम रहिवासी बस्तियों में कचरे का अंबार जमा है। कचरे की बदबू की वजह से लोगों को मुंह पर रुमाल रखकर रास्ता तय करने की मजबूरी है। साफ-सफाई की व्यवस्था ठीक तरीके से नहीं होने की वजह से शहर में संक्रामक बीमारियां लोगों को घेर रही हैं। पटेल कंपाउंड निवासी नदीम अंसारी ने बताया कि क्षेत्र में 8-10 दिन के पहले सफाई नहीं होती है। तमाम गटरें कचरे से पटी पड़ी हैं। गंदगी की वजह से मच्छर घरों में घुसकर लोगों डँसते हैं। मच्छरों के काटने से मलेरिया, टाइफाइड, चर्म रोग, दमा की बीमारी फ़ैल रही है। शिकायत के बाद भी सफाई कर्मी समय से सफाई नहीं करते हैं। क्षेत्रीय वार्ड ऑफिसर से भी शिकायत का कोई असर नहीं होता है। कचरे की गंदगी की वजह से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। सड़क पर जमा कचरे के ढेर से गुजर कर लोगों को जाना मजबूरी है। जागरूक नागरिकों का कहना है कि 6 माह पूर्व तत्कालीन मनपा आयुक्त रहे डा पंकज आशिया ने शहर की स्वच्छता के लिए सुबह- शाम 2 बार सफाई कराने के आदेश दिए गए थे लेकिन कोई सार्थक नतीजा नहीं निकला है। जनहित सामाजिक संस्था ने मनपा आयुक्त जाकर देशमुख से शहर की साफ सफाई व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त किए जाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने की मांग की है।