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हिन्दू संस्कृति एवं वसुधैव कुटुंबकम की प्रेरणा से ही राष्ट्र सशक्त होगा – स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती

भिवंडी [ युनिस खान ]  सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए धर्मगुरुओं के साथ भिवंडी पधारे श्री काशी सुमेरु पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानन्द महाराज संत शिरोमणि ने कहा कि हिंदू संस्कृति के संरक्षण के लिए प्राइमरी से हाईस्कूल तक भारतीय संस्कृत का एक पाठ बच्चों के पढ़ने के लिए अनिवार्य होना बेहद जरूरी है।  हिन्दू संस्कृति एवं वसुधैव कुटुंबकम की प्रेरणा से ही राष्ट्र सशक्त होगा। गौ माता की पूजा एवं धर्मांतरण पर रोक से ही सनातन धर्म व हिन्दू संस्कृति का संरक्षण होगा।

            शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानन्द सरस्वती गुंदवली गांव स्थित कृष्णा म्हात्रे के फार्म हाउस पर संतों की चौपाल में भक्त मंडली को अमृत रूपी ज्ञान की गंगा का रसपान करा रहे थे। उक्त मौके पर स्वामी अरुणानन्द तीर्थ महाराज, अखंडानंद तीर्थ, स्वामी अड़गड़ानंद तीर्थ, स्वामी केदारानंद तीर्थ, बृजभूषणानंद तीर्थ,नामदेव हरण महाराज, कमलेश शास्त्री, स्वामी ओमानन्द महाराज,पूर्व पार्षद संदेश पाटिल सहित अन्य विद्वान पूज्य संतगण व भक्त मौजूद थे।
           श्री काशी सुमेरु पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती महाराज विद्वान संतों की मंडली के साथ हिन्दू सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए ठाणे जिले के आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में जन जागरण अभियान यात्रा पर हैं। भिवंडी ग्रामीण गुंदवली स्थित उद्योगपति कृष्णा म्हात्रे के फार्म हाउस पर संतों की चौपाल में स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने सनातन धर्म प्रेमियों से आह्वान करते हुए कहा कि बच्चों का धार्मिक संस्कार समय पर कराएं। बच्चों को मोबाइल की लत सहित फिल्मों से दूर रखें।  फिल्में बुराइयों, कुरीतियों को बढ़ावा दे रही हैं। पालक बच्चों को गुरुजनों, माता- पिता के सम्मान की सीख सहित धार्मिक वेद ग्रंथों के पठन-पाठन पर जोर दें जिससे बच्चे धर्म ग्रंथों से जुड़ सकें। शंकराचार्य ने सरकार से देश में चल रहे तमाम अवैध बूचड़खाना को बंद करने की अपील करते हुए कहा कि गौमाता हमारी माता है और गौ माता की पूजा नितांत जरूरी है। राष्ट्र की बेहतरी के लिए गौ संरक्षण बेहद जरूरी है। गौ माता के पूजन से इहलोक और परलोक में स्वर्ग की प्राप्ति होती है।
            शंकराचार्य सरस्वती ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार की कथनी और करनी में फर्क है।  देश की अखंडता, एकता, सुरक्षा की मजबूती के लिए सरकार को कड़े कदम उठाने की जरूरत है।  समूचे राष्ट्र में एक समान शिक्षा नीति, पुलिस नीति, पेंशन प्रणाली न्याय प्रणाली होना चाहिए।  सनातनी हिंदू बचा रहेगा तो धर्म सुरक्षित होगा।  हिंदुओं के धार्मिक स्थल शासन तंत्र से मुक्त होना चाहिए। हिंदू समाज का आह्वान करते हुए कहा कि हिंदू समाज को जाति, समाज, भाषा से ऊपर उठकर एकजुट होना चाहिए। केंद्र सरकार को राष्ट्र के समग्र उत्थान के लिए आईएएस, आईपीएस की परीक्षा का पेपर अंग्रेजी, हिंदी अथवा प्रादेशिक भाषा में ही अनिवार्य करना चाहिए।

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