ठाणे [ युनिस खान ] ठाणे व पालघर जिलों की बढ़ती आबादी को देखते हुए भाजपा के प्रतिनिधि मंडल ने ठाणे में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का अत्याधुनिक अस्पताल बनाने की मांग की है। इस बीच केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्रीमती भारती पवार ने इस मांग पर नियम व नीतियों के अनुसार सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया है।
भाजपा सांसद डा विनय सहस्रबुद्धे के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने बुधवार को नई दिल्ली में स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती पवार से मुलाकात की। प्रतिनिधि मंडल में विधायक निरंजन डावखरे, भाजपा गटनेता मनोहर डुंबरे और शहर के उपाध्यक्ष सुजय पतकी शामिल थे।
प्रतिनिधि मंडल ने अपने ज्ञापन में बताया कि ठाणे शहर की आबादी 25 लाख पहुंच गई है। ठाणे जिले की आबादी 1 करोड़ 35 लाख हो गई है। पडोसी जिले के पालघर की आबादी भी 40 लाख तक पहुंच गई है। वर्तमान में ठाणे में ही दोनों जिलों में सरकारी अस्पताल के रूप में केवल विट्ठल साइना सिविल अस्पताल मौजूद है। ठाणे जिले के महानगर पालिका अस्पताल सक्षम नहीं होने से सारा दबाव सिविल अस्पताल पर पड़ता है। सिविल अस्पताल की क्षमता मात्र 300 मरीजों की है। वर्तमान में सिविल अस्पताल कोरोना स्पेशल अस्पताल के रूप में चल रहा है, इसलिए अन्य बीमारियों के मरीजों का इलाज निजी अस्पताल में करना पड़ रहा है। ऐसे मामले सामने आए हैं जहां आम आदमी को लाखों रूपये के बिल दिए गए हैं। ऐसे में ठाणे में एक सर्व सुविधायुक्त सरकारी अस्पताल की जरूरत है।
सिविल अस्पताल पालघर और ठाणे जिलों में हजारों गरीब और सामान्य रोगियों का मुख्य आधार है इसलिए मरीज वहां दौड़े चले आते हैं। सिविल अस्पताल में सभी बीमारियों का इलाज नहीं किया जाता है, इसलिए कई रोगियों को मुंबई के अस्पताल में रेफर किया जाता है। निजी अस्पताल या महानगरपालिका अस्पताल में जाना पड़ता है। ऐसे कई उदाहरण हैं जहां गंभीर स्थिति में मरीजों की अस्पताल में भर्ती होने से पहले ही मौत हो जाती है। ऐसी स्थिति में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ठाणे में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के एक अत्याधुनिक अस्पताल की आवश्यकता है। भाजपा के प्रतिनिधि मंडल ने ठाणे में एम्स की अस्पताल शुरू करने की कार्यवाही करने की मांग की है।