भिवंडी [ युनिस खान ] भिवंडी में ओमीक्रोन से संक्रमित मिले पहले मरीज को होम क्वारंटाइन किया गया है। ओमिक्रोन वेरियंट का पहला मरीज मिलने से भिवंडी के नागरिकों में अपनी सुरक्षा को लेकर हड़कंप मच गया है। मनपा प्रशासन राज्य शासन के निर्देशों के अनुसार विदेश से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति पर निगाहें टिकाए हुए है।
गौरतलब है कि भिवंडी मनपा के रहिवासी क्षेत्र में ओमीक्रोन वेरिएंट का पहला मरीज मिला है। संक्रमित व्यक्ति के कतर से भिवंडी आने पर कराए गए आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट में संक्रमित होने का खुलासा हुआ है। इसके बाद मनपा के प्रमुख वैद्यकीय अधिकारी डाक्टर कारभारी खरात द्वारा फौरन कदम उठाते हुए समग्र जांच के बाद ऐतिहाती कदम उठाते हुए मरीज को 14 दिनों तक होम आइसोलेट कराया गया है। होम आइसोलेशन में मरीज की हालत स्थिर बताई जाती है। डॉक्टर खरात ने बताया कि ओमीक्रोन संक्रमित व्यक्ति द्वारा कोविड टीकाकरण की दोनों डोज नियमतः लेने की वजह से संक्रमण का खतरा बेहद कम हो गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम विदेश से आने वाले लोगों के परिजनों सहित संपर्क में आए लोगों एवं आसपास रहने वाले तमाम लोगों की भी जांच कर रही है।
डाक्टर कारभारी खरात ने बताया कि भिवंडी शहर में विदेशों से आने वालों में प्रमुखतः दुबई, सऊदी,कतर, साउथ अफ्रीका, नाइजीरिया, आस्ट्रेलिया आदि का समावेश है। मनपा स्वास्थ्य विभाग द्वारा राज्य सरकार से सूचना मिलते ही विदेश से आने वाले सभी लोगों से संपर्क कर उनकी आरटीपीसीआर टेस्ट की जाती है और उन्हें फौरन होम क्वॉरेंटाइन में 14 दिनों तक रहने का निर्देश दिया जाता है। स्वास्थ्य विभाग की जानकारी के अनुसार विदेशों से आए सभी लोग कोरोना निगेटिव मिले बावजूद एक व्यक्ति में संक्रमण के अल्प सिम्टम्स पाए जाने पर 14 दिनों के लिए होम क्वॉरेंटाइन में रखा गया है। मनपा प्रमुख वैद्यकीय अधिकारी डॉक्टर कारभारी खरात के अनुसार 14 दिनों तक क्वारंटाइन अवधि में डॉक्टरों की टीम घर जाकर निरीक्षण करती है। किसी भी तरह की आशंका होने पर समुचित उपचार सहित परिजनों का भी स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। विदेश से आए तमाम लोगों के परिजनों सहित आसपास क्षेत्रों के लोगों का भी आरटीपीसीआर कराए जाने की व्यवस्था मनपा द्वारा की गई है।
डा.कारभारी खरात का कहना है कि स्वास्थ्य सुरक्षा की खातिर कोविड टीकाकरण बेहद जरूरी है। दोनों टीकाकरण कराने वालों पर ओमीक्रान वेरियंट का खतरा व असर बेहद कम है। कोरोना एवं ओमीक्रान के प्रोटोकॉल का पालन बेहद जरूरी है।