भिवंडी [ युनिस खान ] भिवंडी शहर में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बावजूद वैक्सीन टीकाकरण का ग्राफ बेहद कम है.सरकार द्वारा 3 जनवरी से शुरू 15 से 18 वर्ष की आयु के टीकाकरण का भी कोई सार्थक परिणाम सामने नहीं आ रहा है. मनपा स्वास्थ्य विभाग कर्मियों की टीम की लाख मशक्कत के बावजूद स्कूलों में लग रहे कैंपों में टीकाकरण के लिए विद्यार्थी नाममात्र के आ रहे हैं. कोरोना महामारी के बढ़ते ग्राफ के बावजूद शहरवासियों की टीकाकरण के प्रति बेरुखी चिंता का विषय बन रही है।
गौरतलब हो कि पावरलूम नगरी भिवंडी में वैक्सीन टीकाकरण को लेकर लोगों की बेरुखी साफ झलक है.जिला व मनपा प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद भी ठाणे जिले में भिवंडी में टीकाकरण का ग्राफ बेहद कम है.भिवंडी में 71% अर्थात 4 लाख 27 हजार 572 लोगों को ही पहली डोज एवं 41% अर्थात 2 लाख 41हजार 923 लोगों को दूसरी डोज टीकाकरण ही किये जाने में कामयाबी हासिल हुई है. सरकार द्वारा 3 जनवरी से शुरू 15 से 18 वर्ष आयु के विद्यार्थियों का टीकाकरण शुरू किए जाने के बावजूद कोई सार्थक परिणाम नहीं मिल रहा है.मनपा प्रमुख वैद्यकीय अधिकारी डॉक्टर कारभारी खरात ने शहरवासियों की टीकाकरण की मानसिकता पर अफसोस प्रकट करते हुए कहा समूचे देश में कोरोना की तीसरी लहर शुरू है.प्रतिदिन लाखों लोग कोरोना की चपेट में आ रहे हैं. भिवंडी शहर स्थित दर्जन भर स्कूलों में प्रतिदिन टीकाकरण का शिविर लगाए जाने के बावजूद विद्यार्थी बेहद कम संख्या में आकर टीकाकरण करा रहे हैं. खासकर मुस्लिम बहुल एरिया स्थित स्कूलों में मनपा स्वास्थ्य अधिकारी हेड मास्टर, संचालक से बच्चों के टीकाकरण पर जोर देते हैं लेकिन हेड मास्टर भी अपेक्षित ध्यान नही दे रहे हैं. कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार की वजह से स्कूल, कॉलेज बंद होने का भी असर टीकाकरण पर पड़ने लगा है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार शनिवार को शहर स्थित 13 स्कूलों में लगाए गए टीकाकरण कैंप के लिए 3500 वैक्सीन डोज भेजे गए लेकिन 1181 विद्यार्थियों ने ही टीकाकरण कराया है. शासन के निर्देशानुसार मनपा स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीकाकरण के लिए निश्चित प्रतिदिन का लक्ष्य भिवंडी में पूरा नहीं हो पा रहा है.भिवंडी में 5 दिनों में 15 से 18 वर्ष के करीब 7202 युवाओं का टीकाकरण हो सका है जो अपेक्षा से काफी कम है.