मुस्लिम महिलाओं ने जय श्री राम और अल्लाह हू अकबर के लगाए नारे
ठाणे [ युनिस खान ] कर्नाटक में मुस्लिम छात्रों को हिजाब या बुर्का पहनने पर कॉलेज में प्रवेश से वंचित करने के मुद्दे को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता रुता आव्हाड के नेतृत्व में सैकड़ों हिंदू-मुस्लिम महिलाओं ने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया है। प्रदर्शन के दौरान मुस्लिम महिलाओं ने जय श्रीराम के साथ मिलकर अल्लाह हू अकबर के नारे लगाए और भारत में सामाजिक समरसता का प्रदर्शन किया।
कर्नाटक के उडुपी जिले के कुंडापुर में सरकारी जूनियर कॉलेज में हिजाब पहनने वाले छात्राओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कॉलेज प्रशासन ने कहा कि कर्नाटक सरकार द्वारा जारी किए गए ड्रेस कोड नियमों के अनुसार, हिजाब पहनने वाले छात्रों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। राकांपा नेता और गृहनिर्माण मंत्री डा जितेन्द्र आव्हाड के निर्देश व शहर जिला अध्यक्ष आनंद परांजपे के मार्गदर्शन में सैकड़ों हिंदू-मुस्लिम महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान महिलाओं ने कहा ‘हिजाब हमारा आभूषण है; कर्नाटक सरकार को होश आओ; जय श्री राम- अल्लाह हू अकबर; श्री राम के नाम पर, मनुष्य को मत बांटो, ऐसी घोषणाएं की गईं।
कर्नाटक के उडुपी जिले के कुंडापुर में सरकारी जूनियर कॉलेज में हिजाब पहनने वाले छात्राओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कॉलेज प्रशासन ने कहा कि कर्नाटक सरकार द्वारा जारी किए गए ड्रेस कोड नियमों के अनुसार, हिजाब पहनने वाले छात्रों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। राकांपा नेता और गृहनिर्माण मंत्री डा जितेन्द्र आव्हाड के निर्देश व शहर जिला अध्यक्ष आनंद परांजपे के मार्गदर्शन में सैकड़ों हिंदू-मुस्लिम महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान महिलाओं ने कहा ‘हिजाब हमारा आभूषण है; कर्नाटक सरकार को होश आओ; जय श्री राम- अल्लाह हू अकबर; श्री राम के नाम पर, मनुष्य को मत बांटो, ऐसी घोषणाएं की गईं।
इस मौके पर रुता आव्हाड ने ड्रेस कोड लागू करने के लिए कर्नाटक सरकार की कड़ी आलोचना की। रुता आव्हाड ने कहा कि हिजाब मुस्लिम धर्म का पहनावा है। इस कॉलेज के छात्र कई सालों से इस ड्रेस को पहन रहे हैं। हालांकि श्रीराम सेना को न सिर्फ हिजाब बल्कि जींस-स्कर्ट, टी-शर्ट को लेकर भी आपत्ति है। श्रीराम सेना ने इस देश में सामाजिक असमानता पैदा करने की कोशिश शुरू कर दी है। संविधान सभी धर्मों को अपने धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता देता है। चुनाव के नाम पर ही धर्म का कार्ड खेला जा रहा है। दुर्भाग्य से देश के सभी धर्मों में ऐसा हो रहा है। हालांकि, हम कह रहे हैं कि किसी मुस्लिम या हिंदू ने व्यक्तिगत रूप से एक-दूसरे को नुकसान नहीं पहुंचाया है। कुछ लोगों द्वारा धर्म की राजनीति की जा रही है। कुछ कट्टरपंथी इस्लाम की पूर्वकल्पित धारणाओं को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। हम इसका विरोध कर रहे हैं। श्रीराम सेना द्वारा किया जा रहा कृत्य इसे हिंदू धर्म ने कभी मान्यता नहीं दी।
इस आंदोलन में राकांपा की महिला कार्यकारी अध्यक्ष सुरेखा ताई पाटिल, कलवा प्रभाग समिति की अध्यक्ष वर्षा मोरे, पूर्व विरोधी पक्षनेता प्रमिला केनी , नगर सेविका अपर्णा साल्वी, साजिया अंसारी, अनीता किने , आशरीन राउत, हाफिजा नाइक, सुनीता सतपुते, सुलोचना पाटिल, जमीला खान, नादिरा सुरमे, फरजाना शेख, रूपाली गोटे, मनपा में विरोधी पक्षनेता अशरफ शानू पठान, बाबाजी पाटिल , मनपा परिवहन समिति सदस्य शमीम खान, जफर नोमानी, मोरेश्वर किने, महेश साल्वी, मनाली पाटिल, आरती गायकवाड़, संगीता पालेकर समेत बड़ी संख्या में पार्टी के नगर सेवक , नगर सेविका व पदाधिकारी उपस्थित थे।
इस आंदोलन में राकांपा की महिला कार्यकारी अध्यक्ष सुरेखा ताई पाटिल, कलवा प्रभाग समिति की अध्यक्ष वर्षा मोरे, पूर्व विरोधी पक्षनेता प्रमिला केनी , नगर सेविका अपर्णा साल्वी, साजिया अंसारी, अनीता किने , आशरीन राउत, हाफिजा नाइक, सुनीता सतपुते, सुलोचना पाटिल, जमीला खान, नादिरा सुरमे, फरजाना शेख, रूपाली गोटे, मनपा में विरोधी पक्षनेता अशरफ शानू पठान, बाबाजी पाटिल , मनपा परिवहन समिति सदस्य शमीम खान, जफर नोमानी, मोरेश्वर किने, महेश साल्वी, मनाली पाटिल, आरती गायकवाड़, संगीता पालेकर समेत बड़ी संख्या में पार्टी के नगर सेवक , नगर सेविका व पदाधिकारी उपस्थित थे।