



ठाणे [ युनिस खान ] जिले में कोरोना के कारण अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों को कानूनी सहायता प्रदान करने के साथ-साथ विरासत के अधिकार , अचल और चल संपत्ति के कानूनी अधिकारों की रक्षा के लिए कानूनी सहायता प्रदान की जायेगी। इसके लिए आज लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिला टास्क फोर्स की बैठक में ठाणे जिलाधिकारी राजेश नार्वेकर द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार ऐसे बच्चों को एक साथ लाकर मार्गदर्शन किया गया।
बैठक में जिला विधि व न्याय सेवा प्राधिकरण के सचिव न्यायाधीश मंगेश देशपांडे ने कहा कि इन बच्चों के उत्तराधिकार प्रमाण पत्र के लिए आवश्यक स्टांप शुल्क माफ करने का प्रयास किया जाएगा। आज की लोक अदालत में सभी बच्चे और उनके माता-पिता शामिल हुए। जिला विधि व न्याय सेवा प्राधिकरण के सचिव न्यायाधीश मंगेश देशपांडे ने प्राधिकरण के 8 वकील उपलब्ध कराए थे। बच्चों और अभिभावकों की समस्याओं के समाधान के लिए बाल कल्याण समिति भी दिन भर मौजूद रही। बाल कल्याण समिति ने विस्तार से चर्चा की कि क्या घोषित अविभावकों के साथ कोई समस्या है और साथ ही आज के कार्यक्रम में उन बच्चों के लिए आदेश दिया गया जो पहले घोषित अविभावक को बदलना चाहते हैं।
प्रत्येक बच्चे और उनके परिवार को एक वकील द्वारा परामर्श दिया गया जो बच्चे विरासत के प्रमाण पत्र के लिए मुकदमा दायर करना चाहते हैं। उन्हें अदालती कार्यवाही के लिए मुफ्त सलाह दी जाती है। जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी महेंद्र गायकवाड़ ने विभाग की सभी योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी।