भिवंडी [ युनिस खान ] शाहपुर में आयोजित किसान सम्मेलन में हुंकार भरते हुए विरोधी पक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य में किसानों के लिए कोई अभिभावक नहीं है.राज्य में साहूकारी सुल्तानी पद्धति की सरकार है जिसकी बीमा कंपनियों के साथ सेटिंग है.उल्टे सीधे काम करने वाली राज्य सरकार को सीधा किये बिना छोडूंगा नहीं. किसान विरोधी सरकार के विरुद्ध मैंने रणभेरी बजा दी है, किसान विरोधी राज्य सरकार बचेगी नही.
गौरतलब हो कि अमृत महोत्सव की पृष्ठभूमि पर शाहपुर में कृषि उपज मंडी समिति के परिसर में भाजपा, शाहपुर तालुका और कपिल पाटिल फाउंडेशन द्वारा आयोजित विशाल व भव्य किसान सम्मेलन में विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस प्रमुख अतिथि व मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय पंचायत राज राज्य मंत्री कपिल पाटिल उपस्थित थे.सम्मेलन में कुनबी सेना प्रमुख विश्वनाथ पाटिल, विधायक निरंजन डावखरे, गणपत गायकवाड़, पूर्व विधायक दिगंबर विशे, नरेंद्र पवार, टीडीसीसी बैंक के निदेशक प्रशांत पाटिल, जिला परिषद सदस्य देवेश पाटिल, नगरसेवक सुमित पाटिल, पूर्व सरपंच सिद्धेश पाटिल, भाजपा महिला अघाड़ी जिला अध्यक्ष शीतल टोंडलीकर सहित महिला एवं बाल कल्याण समिति की अध्यक्षा श्रेया गायकर, भाजपा के जिलाध्यक्ष श्रीधर पाटिल, भाजपा ग्रामीण कल्याण के अध्यक्ष चंदू बोस्टे, पीके म्हात्रे, मुरबाड तालुका के अध्यक्ष जयवंत सूर्यराव, शाहपुर तालुका के अध्यक्ष भास्कर जाधव, अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष बाबू शेख, अशोक इरनक, सुभाष हरड़, शाहपुर नगर पंचायत भाजपा समूह के नेता विवेक नार्वेकर, पार्षद मिताली भोपतराव, हरेश पशते, आनंद अधिकारी, विनोद कदम, मनीषा अधिकारी , योगेश महाजन उपस्थित थे. राज्य में सत्तासीन महाकाली सरकार पर जोरदार हल्ला बोलते हुए फडणवीस ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा शुरू किए गए किसानों के लिए कई कल्याणकारी योजनाओं को महाविकास अघाड़ी सरकार ने बंद कर दिया है। सरकार में किसानों की परवाह करने वाला कोई नहीं है.
सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय पंचायत राज राज्य मंत्री कपिल पाटिल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार अब तक किसानों को 1 लाख 90 हजार करोड़ रुपये दे चुकी है.राज्य सरकार द्वारा किसानों की उपेक्षा की जा रही है.भातसा बांध की बायीं और दाहिनी नहरें पूरी हो जाने से किसानों को प्रोत्साहन मिलेगा.हम इसके लिए काम कर रहे हैं.सम्मेलन में हजारों की संख्या में किसान व स्थानिय लोग शामिल थे