




भिवंडी [ अमन न्यूज नेटवर्क ] मुंबई-वडोदरा कॉरीडोर मार्ग भूसंपादन मामले में भिवंडी तालुका स्थित नंदीठणे में किसानों की जमीन का मुवावजा 11 करोड़ 66 लाख 64 हजार रुपए आरोपियों द्वारा फर्जी किसान के कागज पत्र जमा कर निकाले गए मामले में नया मोड़ आया है.मुआवजा फर्जीवाड़े में लिप्त मास्टरमाइंड नायब तहसीलदार विट्ठल गोसावी अचानक फरार हो गया है.शांतिनगर पुलिस ने तहकीकात के उपरांत फर्जीवाड़े में लिप्त अन्य 2 लोगों को हिरासत में लिया है. प्रकरण में अब तक गिरफ्तार हुए कुल लोगों की संख्या 17 हो गई है.
उक्त संदर्भ में शांतिनगर पुलिस स्टेशन वरिष्ठ निरीक्षक शीतल राउत द्वारा प्रदान की गई जानकारी के अनुसार, मुआवजा फर्जीवाड़े की जांच के दौरान मास्टरमाइंड नायब तहसीलदार विट्ठल गोसावी की संलिप्तता का खुलासा हुआ है. पुलिस के डर से नायब तहसीलदार विठ्ठल गोसावी फरार हो गया है, जिसकी तलाश जारी है.पूछताछ के उपरांत पुलिस टीम ने फर्जीवाड़े में लिप्त साखराबाई उर्फ अनिता बालासाहेब वाघमारे व संतोष दत्तात्रय मोरे को गिरफ्तार कर लिया. उक्त प्रकरण में अभी तक कुल 17 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. सूत्रों की माने तो शासकीय कार्यालय में काम करने वाले कई अन्य लोगों पर पुलिस की तलवार लटक रही है.
बता दें कि मास्टरमाइंड नायब तहसीलदार बिट्ठल गोसावी अपने 2 सहायकों के साथ 3 माह पूर्व ही रिश्वत लेते हुए एंटी करप्शन द्वारा पकड़ा गया लेकिन मात्र 24 घंटे में ही न्यायालय से जमानत पाकर फिर ड्यूटी ज्वाइन हो गया था.आश्चर्यजनक है कि भिवंडी प्रांत कार्यालय में कार्यरत नायब तहसीलदार विट्ठल गोसावी पर भारी भ्रष्टाचार का आरोप होने के बाद भी प्रांत अधिकारी द्वारा एक भ्रष्टाचारी नायब तहसीलदार को ड्यूटी ज्वाइन करने कैसे दिया गया ? उक्त प्रकरण को लेकर समूचा प्रांत कार्यालय भ्रष्टाचार के विवादों के घेरे में में खड़ा हो गया है.