पुणे [ अमन न्यूज नेटवर्क ] अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मॉडर्न ड्राइव टेक्नोलॉजी तथा इलेक्ट्रिफिकेशन समाधानों का निर्माण करने वाली अग्रणी कंपनी, विटेस्को टेक्नोलॉजीज ने शुक्रवार को महाराष्ट्र पुणे के तलेगांव में भविष्य को ध्यान में रखकर तैयार किए गए अपने प्लांट का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम के दौरान क्लाउस हाउ, मेंबर ऑफ द एग्झिक्युटिव बोर्ड ॲट विटेस्को टेक्नोलॉजिस और अनुराग गर्ग, मॅनेजिंग डायरेक्टर तथा कंट्री हेड ऑफ विटेस्को टेक्नोलॉजिस इंडिया प्रायव्हेट लिमिटेड, उपस्थित थे।
यह बिल्कुल नया प्लांट 20 एकड़ में फैला हुआ है और यहाँ विनिर्माण क्षेत्र 17.580m2 से अधिक है, जहाँ 900 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। सबसे पहले दो-पहिया वाहनों के बाजार के लिए उत्पादन की शुरुआत की जाएगी, जिसके बाद अलग-अलग पॉवरट्रेन सॉल्यूशंस प्रोडक्ट्स का निर्माण किया जाएगा, जिनमें इंजन मैनेजमेंट सिस्टम, सेंसर और एक्चुएटर्स के साथ-साथ यात्री कारों एवं वाणिज्यिक वाहनों के लिए एग्जॉस्ट मैनेजमेंट से संबंधित विभिन्न कल-पुर्जे शामिल होंगे। कंपनी अपने इस विनिर्माण केंद्र में इंटरनल कॉम्बस्शन इंजन के साथ-साथ इलेक्ट्रीफाइड एवं ऑल-इलेक्ट्रिक ड्राइव सिस्टम के लिए बेहद कुशल एवं न्यूनतम उत्सर्जन वाली टेक्नोलॉजी की बढ़ती मांग को पूरा करने पर विशेष ध्यान देगी।
उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान क्लाउस हाउ, मेंबर ऑफ द एग्झिक्युटिव बोर्ड ॲट विटेस्को टेक्नोलॉजिस, ने कहा, “विटेस्को टेक्नोलॉजीज के लिए इस कारखाने का निर्माण एक बड़ी उपलब्धि है, जो हमें भारतीय बाजार में अपने ग्राहकों को बेहतर उत्पाद उपलब्ध कराने के अवसर प्रदान करता है।” अपनी बात को जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि, वैश्विक विकास की हमारी योजना में भारत की भूमिका सबसे अहम है। फिलहाल देश का मोटर वाहन उद्योग शायद अपने इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण बदलाव के दौर से गुजर रहा है। इसका उद्देश्य टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में दो तरह के बदलावों को हासिल करना है: यानी फॉसिल ईंधन के बजाय नवीकरणीय ऊर्जा, और एनालॉग के बजाय डिजिटल टेक्नोलॉजी के उपयोग को बढ़ावा देना है। हमने इस बदलाव को स्वीकार किया है और हम इसके अनुरूप योजना बनाने की शुरुआत कर चुके हैं। इसके अलावा, इस नए विनिर्माण केंद्र के माध्यम से हम भविष्य में होने वाली प्रगति तथा बाजार की मांगों को अच्छी तरह पूरा करने में सक्षम होंगे।
विटेस्को टेक्नोलॉजीज के दूसरे विनिर्माण केंद्रों की तरह, पुणे के इस अत्याधुनिक प्लांट में भी ग्रिड की मांग को पूरी तरह से नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के माध्यम से पूरा किया जाता है। इसके अलावा, यहाँ स्थायी बिजली का उत्पादन भी होता है। यहाँ बिल्कुल नए फोटोवोल्टिक सिस्टम इंस्टॉल किए गए हैं, जिससे 03 GWh सौर-ऊर्जा उत्पन्न होती है। वर्तमान में सौर ऊर्जा प्लांट की स्थापित क्षमता 2.6 MW है, तथा कंपनी ने इस साल के अंत तक इसे 3.6 MW तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। प्रोडक्शन लाइनों के साथ-साथ शॉपफ्लोर पर 25 से ज्यादा कोबोट एवं रोबोट स्थापित इंस्टॉल किए गए हैं, और यह विनिर्माण केंद्र ऑटोमेशन, डिजिटाइजेशन एवं इंडस्ट्री 4.0 को भी मजबूती से आगे बढ़ा रहा है।
इस मौके पर अनुराग गर्ग, मॅनेजिंग डायरेक्टर तथा कंट्री हेड ऑफ विटेस्को टेक्नोलॉजिस इंडिया प्रायव्हेट लिमिटेड ने कहा: “भारत में हर तरह की गाड़ियों के इंटरनल कॉम्बस्शन इंजन और इलेक्ट्रिफिकेशन के लिए बेहद कुशल एवं न्यूनतम उत्सर्जन वाली टेक्नोलॉजी को विकसित करना ही हमारा मिशन है। इसके लिए हमने भविष्य की जरूरतों को पूरा करने वाले प्लांट का निर्माण किया है, जो बुद्धिमान, स्थायी और भविष्य-सूचक है। हमने इन सभी खासियतों के साथ पुणे में भविष्य को ध्यान में रखकर तैयार किए गए इस प्लांट का निर्माण किया है। इस प्लांट में कई रचनात्मक परियोजनाओं को पूरा किया गया है। हमारे विनिर्माण नेटवर्क में डिजिटाइजेशन, ऑटोमेशन और स्थिरता से संबंधित इन परियोजनाओं ने हमें भविष्य के प्लांट को आकार देने में मदद की है।
उन्होंने आगे कहा, “वर्तमान में कार्बन फुटप्रिंट लगातार बढ़ रहा है, और इसी वजह से हमने इस सुविधा का निर्माण करते समय जलवायु-परिवर्तन की बात को भी ध्यान में रखा है। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि, पुणे के इस प्लांट की संचालन प्रक्रिया पूरी तरह से कार्बन-न्यूट्रल है और इसने सस्टेनेबिलिटी को आगे बढ़ाने वाले केंद्र के रूप में अपनी पहचान बनाई है।
विटेस्को टेक्नोलॉजीज के भविष्य को ध्यान में रखकर तैयार किए गए इस प्लांट का उद्देश्य तकनीकी, भू-राजनीतिक, सामाजिक और जलवायु परिवर्तन संबंधी चिंताओं को दूर करना है, जो मोटर वाहन उद्योग के साथ-साथ समाज पर भी बुरा असर डालते हैं। कंपनी देश में विनिर्माण तथा आपूर्ति श्रृंखला के प्रबंधन के क्षेत्र में बदलाव को सक्रियतापूर्वक आगे बढ़ाना चाहती है। इस पहल का उद्देश्य यह दर्शाना है कि, विटेस्को टेक्नोलॉजी क्रिएटिव कॉन्सेप्ट और भविष्य की टेक्नोलॉजी का उपयोग करके आने वाले कल की विनिर्माण मांगों को किस तरह पूरा करेगी।