मुंबई [ अमन न्यूज नेटवर्क ] महाराष्ट्र देश में कृषि-पर्यटन को विकसित करने और बढ़ावा देने वाला पहला राज्य है। राज्य का मानना है कि कृषि-पर्यटन स्थायी ग्रामीण विकास और कृषि से होने वाली आय के विविधीकरण में योगदान देता है। राज्य सरकार ने सितंबर 2020 में कृषि पर्यटन नीति प्रस्तुत की थी, जोकि किसानों की आय को विविधतापूर्ण बनाने और ग्रामीण युवाओं तथा महिलाओं को रोजगार देकर ग्रामीण आर्थिक विकास को बनाये रखने में कृषि-पर्यटन की पहलों के महत्व पर जोर देती है।
महाराष्ट्र के पास 328 कृषि-पर्यटन केन्द्र हैं, जो 30 जिलों में फैले हैं, जिनमें पुणे, औरंगाबाद, नागपुर के नजदीकी गांव और ठाणे जिले की जनजातीय पट्टी शामिल हैं। इस कार्यक्रम की शुरूआत के बाद राज्य में किसानों की आय 25% तक बढ़ी है। इन कृषि-पर्यटन केन्द्रों ने साल 2018, 2019 और 2020 में क्रमश: 4.7 लाख, 5.3 लाख और 7.9 लाख पर्यटकों को आकर्षित किया है, जिससे किसानों को कुल 55.79 करोड़ रूपये राजस्व प्राप्त हुआ है। इसके अलावा, कृषि पर्यटन की पहल ने ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं और युवाओं के लिये 1 लाख से ज्यादा रोजगारों का सृजन करने में सहायता की है।
हालांकि, यह देखा गया है कि इनमें से ज्यादातर फार्महाउस अक्सर बिजली की कटौती का सामना करते हैं और महंगे तथा प्रदूषक डीजल जनरेटरों पर बहुत निर्भर हैं। यह डीजल जनरेटर न केवल उपभोक्ताओं पर बड़ा आर्थिक असर डालते हैं, बल्कि कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) के उत्सर्जन के लिहाज से पर्यावरण के लिये भी गंभीर खतरा पैदा करते हैं।
इस मुद्दे पर अपनी राय रखते हुए, ठाणे में देशमुख फार्महाउस एण्ड एग्री टूरिज्म की मालकिन निकिता देशमुख ने कहा, “पहाड़ी और सुदूर क्षेत्र होने के कारण बिजली अक्सर बाधित होती है और इसलिये हमें जनरेटर से काम लेना पड़ता है।इसके अलावा, हर शुक्रवार को बिजली बंद कर दी जाती है, क्योंकि राज्य के विद्युत मंडल द्वारा यह दिन मैंटेनेन्स के लिये निर्धारित किया गया है।”
हार्मोनी विलेज एग्री टूरिज्म सेंटर के प्रबंधक के मुताबिक, बारिश या तूफान आने पर बिजली की आपूर्ति बाधित होती है। बिजली जाने पर आपूर्ति को लंबे समय तक बहाल नहीं किया जाता है। इसके अलावा, बिजली की आपूर्ति भी भरोसेमंद नहीं है, क्योंकि बिजली कटौती का समय तय नहीं है। इस कारण से एग्री टूरिज्म सेंटर सौर ऊर्जा या जनरेटरों का इस्तेमाल करता है।
एक फार्महाउस (एग्री टूरिज्म सेंटर) डीएस पार्क के मालिक के मुताबिक, इस इलाके में बिजली आपूर्ति की बड़ी समस्या है, क्योंकि अगर बिजली दो दिनों के लिये जाती है, तो वापस नहीं आती है। बिजली की कटौती आम बात है। महाराष्ट्र में 24×7 भरोसेमंद बिजली सुनिश्चित करने के लिये एक मजबूत अंतर्प्रान्तीय संवहन प्रणाली के द्वारा बिजली की मांग और आपूर्ति के बीच का अंतर दूर करना महत्वपूर्ण है।
विद्युत संवहन के तार डीजल जनरेटरों का इस्तेमाल कम करने और उनके आर्थिक तथा पर्यावरणीय प्रभाव को नियंत्रित करने में भी सहायक हो सकते हैं। इससे हानिकारक CO2 के उत्सर्जन को कम करते हुए डीजल जनरेटरों को हटाने और व्यवसाय की क्षमता बढ़ाने में योगदान मिलेगा। इसलिये आईएसटीएस फीड के साथ संवहन के मौजूदा तंत्र को पूर्णता देना महत्वपूर्ण है।