मुंबई [ अमन न्यूज नेटवर्क ] महिला एवं बाल विकास मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा ने महाराष्ट्र राज्य की विधवाओं को सम्मान देने के लिए विभाग के सचिव को प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया है कि भविष्य में उनके नाम के आगे ‘गंगा भागीरथी’ (गं.भा.) का उल्लेख किया जाए। इस प्रस्ताव पर समाजवादी पार्टी ने घोर आपत्ति जताई है। समाजवादी पार्टी के भिवंडी पूर्व के विधायक रईस शेख ने प्रमुख सचिव से इस प्रस्ताव को लागू नहीं करने का अनुरोध किया है।
विधायक रईस शेख ने प्रमुख सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि विधवाओं के लिए ‘गंगा भागीरथी’ शब्द का प्रयोग बहुत पहले हुआ करता था। लेकिन अब इसकी जगह ‘श्रीमती’ का इस्तेमाल होने लगा है। और यह अब लोकप्रिय हो गया है। लेकिन इस बीच, राज्य में शिंदे-फड़णवीस सरकार ने एक महिला के जीवन में पति होने या न होने के बीच अंतर करने का फैसला किया है। रईस शेख ने आपत्ति जताई है कि एक विधवा को ‘गंगा भागीरथी’ शब्द से संबोधित करना एक घटिया पुरुष मानसिकता का ज्ञोतक है।
सरकार का ये प्रस्ताव केवल एक पब्लिसिटी स्टंट है। क्या विधवाओं को अलग नाम से संबोधित करने से उनकी समस्या का समाधान हो जाएगा? सरकार इससे पहले भी इस तरह का विवादास्पद रुख अख्तियार कर समाज की मौजूदा बुनियादी समस्याओं और सवालों को नजरअंदाज करते हुए इस तरह की पब्लिसिटी स्टंट कर चुकी है। अपने पत्र में समाजवादी पार्टी के विधायक रईस शेख ने मांग की है कि उक्त प्रस्ताव पर किसी तरह का अमल न किया जाए और इसे वापस लिया जाए।