भिवंडी [ अमन न्यूज नेटवर्क ] गुलाम मोहम्मद मोमिन विमेंस कॉलेज,के इस्लामिक स्टडीज विभाग,वनस्पति विज्ञान विभाग व आईक्यूएसी द्वारा “अल-ज़यतून:इस्लामी साहित्य की रोशनी में पौधों का महत्व” शीर्षक से एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कॉलेज आडिटोरियम में किया गया। इस राष्ट्रीय सम्मेलन की विशेषता यह थी कि यह दोहरे मोड यानी ऑफ़लाइन और ऑनलाइन में आयोजित किया गया था।
सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में देश के जाने-माने विद्वान मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय हैदराबाद के पूर्व कुलपति डॉ मुहम्मद असलम परवेज ने इस महत्वपूर्ण विषय पर मुख्य भाषण दिया.अपने मुख्य भाषण में उन्होंने ने कुरान में वर्णित पौधों की ज़िक्र करते हुए उनकी विशेषताओं का सविस्तार बर्णन किया।उन्होंने पौधों और प्रकृत के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण नैतिक बिंदु भी बताये और कहा कि हम इंसानों को भी इन पौधों की तरह प्रकृति के साथ दया का व्यवहार करना चाहिए।
उद्घाटन सत्र में कोकन मुस्लिम एजुकेशन सोसाइटी के अध्यक्ष तलहा फकीह,सचिव सोहेल फकीह,कोषाध्यक्ष फहद बुबेरे,रईस हाई स्कूल के चेयरमैन एडवोकेट यासीन मोमिन के अलावा अन्य पदाधिकारी एवं सदस्यगण उपस्थित थे।उद्घाटन सत्र में अफजल वानी (चेयरमैन इंस्टीट्यूट ऑफ ऑब्जेक्टिव स्टडीज,नई दिल्ली), प्रो. हमीदुल्लाह मिराजी (अध्यक्ष, इस्लामियात विभाग,कश्मीर यूनिवर्सिटी),प्रो.मुहम्मद रिजवान (डिप्टी डायरेक्टर सीएसआर),प्रो.डॉ.अनिल कुमार एस. सिंह (डीन,फैकल्टी आफ आर्ट्स, मुंबई विश्वविद्यालय) ने इस महत्वपूर्ण विषय पर ऑनलाइन अपने विचार व्यक्त किए। प्रो मुहम्मद अब्दुल बसीर (अध्यक्ष, रसायन विज्ञान विभाग, यशवंत कॉलेज, नांदेड़) विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
उद्घाटन सत्र के बाद छह तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया, जिसमें कुल सत्तर पेपर प्रस्तुत किए गए। पेपर प्रस्तुत करने में शिक्षकों के अलावा शोधार्थियों, यूजी और पीजी के छात्रों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया।अंतिम सत्र में विल्सन कालेज की वाइस प्रिंसिपल डॉ.हर्षा बडकर अतिथि के रूप में उपस्थित थीं।आप ने सम्मेलन की सफलता विषय की उपयोगिता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह के सम्मेलन समय-समय पर होते रहना चाहिए।जी एम मोमिन महिला कॉलेज की प्राचार्य डॉ.तबस्सुम शेख ने एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त की और सम्मेलन के कनवीनर डॉ. नूरुद्दीन शेख,समन्वयक सहायक प्रोफेसर लक्ष्मी श्री चिंगाला,सहायक प्रोफेसर उमर फारूक सहित समस्त शिक्षकों को बधाई दी।कार्यक्रम का सूत्र संचालन सहायक प्रोफेसर अमीर हमजा साकिब ने किया।आभार प्रदर्शन के साथ सम्मेलन समाप्त हुआ।