ठाणे [ युनिस खान ] डहाणू मछुआरों के पाकिस्तान की हिरासत में होने की 2 अक्टोबर 2022 को ईमेल के माध्यम से प्रशासन को सूचना दी गई। उसके बाद अब उन्हें रिहा करने की जानकारी मिलते हुए परिजनों में ख़ुशी की लहर फ़ैल गयी। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के विधायक कॉमरेड विनोद निकोले ने पुरजोर मांग की है कि केंद्र और राज्य सरकारों को बाकी बचे मछुआरों को बचाने के लिए विशेष प्रयास करने चाहिए।
इस मौके पर विधायक निकोले ने कहा कि आदिवासी भाइयों को रोजगार नहीं मिलता है। इसलिए वे गुजरात के मछुआरा समुदाय के साथ नाविक का काम करते हैं। लेकिन अनजाने में मछली पकड़ने के दौरान उन मछुआरों को यह कहकर गिरफ्तार कर लिया जाता है कि वे पाकिस्तान के क्षेत्र में हैं। हमारे देश भारत के 666 मछुआरे पाकिस्तान की जेलों में हैं। इनमें से 600 मछुआरों की रिहाई की आधिकारिक घोषणा 13 मई 2023 को पाकिस्तान सरकार ने किया है। हाल ही में मिली आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार के आंतरिक मंत्रालय द्वारा जारी पत्र के मुताबिक, पहला बैच 11 मई 2023 को जिला जेल मलीर, कराची से 200 मछुआरों को वाघा बॉर्डर भेजा जाएगा। दूसरा समूह 2 जून 2023 को 200 मछुआरों को भेजा जाएगा और 100 मछुआरों का तीसरा जत्था भेजा जाएगा। उनके पत्र में उल्लेख किया गया है कि इसे 03 जुलाई 2023 को भेजा जाएगा।
लगभग 30 मछुआरे पालघर जिले के हैं और पहले समूह में 5 मछुआरे रिहा किए गए थे। इसमें पालघर जिले के दहानू और तलासरी के विभिन्न पाड़ों के आदिवासी भाई भी शामिल हैं, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के दहानू से विधायक कॉमरेड विनोद निकोल ने उनकी रिहाई का स्वागत किया है।