मुंबई [ अमन न्यूज नेटवर्क ] भारत के सबसे बड़े रियल एस्टेट प्लेटफॉर्म, मैजिकब्रिक्स ने हाल ही में अप्रैल-जून 2023 के लिए अपनी फ्लैगशिप रेंटल इंडेक्स जारी की, जिससे पता चलता है कि भारत के 13 प्रमुख शहरों में किराये के घरों की मांग में तिमाही-दर-तिमाही के आधार पर 18.1% की बढ़ोतरी हुई है, साथ ही तिमाही-दर-तिमाही के आधार पर आपूर्ति में भी 9.6% की वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि किराये में साल-दर-साल के आधार पर 4.9% की बढ़ोतरी हुई है।
मैजिकब्रिक्स प्लेटफॉर्म पर 2 करोड़ से अधिक ग्राहकों के व्यवहार और उनकी पसंद के आधार पर तैयार की गई इस रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि, बेंगलुरु (8.1%), नवी मुंबई (7.3%), तथा गुरुग्राम (5.1%) जैसे बड़े शहरों में तिमाही-दर-तिमाही के आधार पर औसत किराये में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। इसके विपरीत, दिल्ली (-0.9%) और मुंबई (-0.1%) में तिमाही-दर-तिमाही के आधार पर औसत किराये में मामूली गिरावट आई है।
मैजिकब्रिक्स के सीईओ, श्री सुधीर पई ने इसके बारे में अपनी राय जाहिर करते हुए कहा, “पिछले एक साल के दौरान एक बार फिर से शहरों का रुख करने वाले कर्मचारियों और छात्रों की वजह से देश के प्रमुख शहरों में किराये के घरों की मांग बढ़ी है। ऑफिस में पहले की तरह काम-काज शुरू होने की वजह से कार्यस्थल के नजदीक घरों की जरूरत को बढ़ावा मिला है, साथ ही शैक्षणिक संस्थानों ने भी व्यक्तिगत तौर पर शिक्षण की गतिविधियाँ फिर से शुरू कर दीं हैं, जिससे छात्रों के लिए भी शहरी केंद्रों की ओर वापस लौटना आने वाली हो गया। इसी बीच, प्रॉपर्टी की कीमतों में बढ़ोतरी को देखते हुए घर के मालिकों ने किराये की तुलना में अपनी प्रॉपर्टी की बिक्री के अवसरों का फायदा उठाया, जिससे आपूर्ति कम हो गई। इसके साथ-साथ किराये के घरों की मांग में बढ़ोतरी की वजह से देश के प्रमुख शहरों में किराये में विशेष रूप से वृद्धि हुई।“
मैजिकब्रिक्स की रिपोर्ट के अनुसार 2 बीएचके घरों की लोकप्रियता में आज भी कोई कमी नहीं आई है, जिसकी मांग और आपूर्ति दोनों में 53% की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है। 1 बीएचके (27%) तथा 3 बीएचके (18%) का स्थान इसके बाद आता है। 2023 की पहली तिमाही में 3 बीएचके इकाइयों की मांग 36% थी, जो 2023 की दूसरी तिमाही में घटकर 18% हो गई। दूसरी ओर, 1 बीएचके इकाइयों की मांग 2023 की पहली तिमाही में 17% से बढ़कर मौजूदा तिमाही में 27% हो गई। इस बदलाव से यह पता चलता है कि कॉम्पैक्ट अपार्टमेंट के प्रति लोगों की दिलचस्पी बढ़ रही है।
रिपोर्ट के नतीजों से यही निष्कर्ष निकलता है कि, मौजूदा तिमाही में किराये के घरों की मांग में बढ़ोतरी में रोजगार केंद्रों से निकटता के अलावा किराये पर खर्च करने की क्षमता में वृद्धि की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रही है। किरायेदारों के बीच 10,000 से 20,000 रुपये के मासिक किराये वाले आवास सबसे पसंदीदा विकल्प के रूप में उभरे हैं। रिपोर्ट के नतीजों से पता चलता है कि, लोग मुख्य रूप से 500 से 1,000 वर्ग-फुट के क्षेत्रफल वाले मकानों को ज्यादा प्राथमिकता दे रहे हैं।