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भिवंडी में हिंदी दिवस पर दो शिक्षकों को दिया गया राजभाषा सद्भावना सम्मान 

भिवंडी [ अमन न्यूज नेटवर्क ] भिवंडी के नागांव स्थित आशीर्वाद हिंदी हाईस्कूल में हिंदी दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया| जहां आठवीं, नौवीं एवं 10 वीं के विद्यार्थियों के लिए शिक्षा : हिंदी माध्यम बनाम अंग्रेजी माध्यम विषय पर निबंध प्रतियोगिता एवं एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया | हिंदी भाषा के प्रोत्साहन के लिए बीएनएन कॉलेज के प्रो. डॉ. कुलदीपसिंह राठौर एवं चाचा नेहरू हिंदी हाईस्कूल एंड जूनियर कॉलेज के पूर्व प्रधानचार्य संतोष उपाध्याय को स्थानीय विधायक रईस शेख द्वारा राजभाषा सद्भावना सम्मान देकर सम्मानित किया गया|
               इस अवसर पर विधायक शेख द्वारा पत्रकार नितिन पंडित को राजभाषा सद्भावना सम्मान करने के साथ निबंध प्रतियोगिता के विजेता विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया| हिंदी दिवस समारोह की अध्यक्षता प्रो डॉ. वीरेंद्र कुमार मिश्र ने किया एवं संचालन दीपक सिंह ने और आभार प्रदर्शन स्कूल के चेयरमैन वीके सिंह ने किया| हिंदी दिवस समारोह की अध्यक्षता करते हुए प्रो डॉ. वीरेंद्र कुमार मिश्रा ने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि हिंदी विश्व की सबसे अधिक बोली जाने वाली तीसरी सबसे बड़ी भाषा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी भारतीय भाषाओं के विकास के साथ साथ बच्चे के भावात्मक और नैतिक विकास पर बाल देती है।अपनी भाषा और संस्कृति के माध्यम से हम मानवीय एवं शाश्वत मूल्यों को अपनाकर मानवता की रक्षा कर सकते हैं। बिना मानवता के हम सुखी नहीं रह सकते।
             वहीं बी एन एन कॉलेज के प्राध्यापक प्रो डॉ. कुलदीपसिंह  राठौर ने कहा कि मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त करने से सृजनात्मकता आती है।हम जो सोचते हैं, सीधे तौर पर व्यक्त कर सकते हैं। इसके विपरीत अंग्रेज़ी रोज़गार की भाषा है। हम जिस तरह गांव छोड़कर रोज़ी रोटी के लिए महाराष्ट्र आ गए, उसी तरह से हम ने अपनी भाषा हिंदी छोड़कर अंग्रेज़ी को अपना लिया ।  राठौर ने हिंदी के महत्त्व को रेखांकित करते हुए बताया कि बहुभाषी होना समय की मांग है। बतौर मुख्य वक्ता संगोष्ठी में शामिल स्वयं सिद्धि मित्र संघ कॉलेज के शैक्षिक सलाहकार ख़ान ज़ाकिर हुसैन ने कहा कि हमारे देश के कर्णधारों और संविधान निर्माताओं ने हिंदी भाषा की ज़बरदस्त संप्रेषण क्षमता को अच्छी तरह पहचाना था, इसीलिए हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया था। मगर अफ़सोस का विषय है कि राजनीतिक कारणों और सरकार की दृढ़ इच्छा शक्ति की कमी से आज तक हिंदी को भारत संघ की एकमात्र राजभाषा नहीं बनाया जा सका।संविधान लागू होने के बाद हिंदी के विकास के लिए जो पंद्रह वर्ष की अवधि दी गई थी,तब तक अंग्रेज़ी को को सह राजभाषा के रूप में बने रहने की अनुमति मिली थी। किंतु 1963 और 1967 के भाषा अधिनियमों के चलते अंग्रेज़ी को जीवनदान मिल गया। भारतीय संघ की एकमात्र राजभाषा के रूप में हिंदी की विकास यात्रा अपेक्षित थी,पर आज अंग्रेज़ी उसकी प्रतियोगिता में न सिर्फ़ खड़ी है बल्कि सम्मान और प्रतिष्ठा भी पा रही है। शिक्षा के माध्यम के रूप में हिंदी भारतवासियों को निस्संदेह लाभ पहुंचा सकती है, मगर शर्त यह है कि प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा के बाद उच्च शिक्षा के लिए भी हिंदी विषय सामग्री उपलब्ध कराने में हम सक्षम हो जाएं।
            इस अवसर पर शहर के मशहूर गायक सोहेल अख्तर अंसारी ने एक देश भक्ति गीत प्रस्तुत किया| स्कूल के चेयरमैन वीके सिंह द्वारा आए हुए सभी अतिथियों का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया| समारोह में प्रो कुलदीपसिंह राठौर, जाकिर हुसैन खान, इकबाल सिद्दीकी एवं प्रो वीरेंद्र कुमार मिश्र ने हिंदी के बारे में विधिवत प्रकाश डाला| लगभग सभी वक्ताओं ने कहा कि हिंदी बहुत तेजी से उभर रही भाषा है| यह विश्व में तीसरे नंबर पर बोली जाने वाली भाषा है| इसका भविष्य उज्ज्वल है| इस अवसर कल्याण के आरके हिंदी हाईस्कूल ऐंड जूनियर के प्रधानचार्य सुशील पालीवाल,वरिष्ठ जाकिर हुसैन खान, वरिष्ठ कांग्रेसी इक़बाल सिद्दीकी, मो. ताज खान,भिवंडी शहर भाजपा के जिला महासचिव ऐड. प्रवीण मिश्रा, पीडी यादव,समाजवादी पार्टी के जावेद अंसारी, नेशनल ह्यूमन राइट्स के भिवंडी अध्यक्ष जब्बार शेख ,जे.जे. गुप्ता हिंदी हाईस्कूल के मुख्याध्यापक कमलेश यादव,मोहम्मद अली सर, विनोद देवरे, स्वामी विवेकानंद हाईस्कूल के मुख्याध्यापक एचडी पाल,नदीनाका स्कूल के मुख्याध्यापक अशोक नायक,अजय नायक,डॉ. ओमप्रकाश अग्रवाल इंग्लिश हाईस्कूल के पूर्व मुख्याध्यापक त्रिभुवन चौरसिया,चाचा नेहरू हिंदी हाईस्कूल के विजय शंकर वर्मा,बाल विद्या निकेतन हिंदी हाईस्कूल स्कूल के संचालक राम करन सरोज , पत्रकार खालिद अंसारी,संजय भोईर,अनिल वर्मा, मोनिश गायकवाड़, एवं आचार्य सूरजपाल यादव सहित कई हिंदी स्कूलों के मुख्याध्यापक एवं शिक्षक मौजूद थे|  कार्यक्रम को सफल बनाने में आरएम श्रीवास,महफूज अंसारी,एसडी चौगुले, आकाश पांडेय,गणेश पाटील,राहुल अहिरे, सूरज सिंह, लालबिहारी विश्वकर्मा, अयाज शेख, साबिर शेख एवं दिलशेर शेख ने विशेष योगदान दिया|

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