मानहानि मुकदमे में जवाब दाखिल करने में 881 दिन की देरी
ठाणे [ युनिस खान ] कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ [ आरएसएस ] को जोड़ने वाले उनके बयान के मामले में ठाणे न्यायालय ने 500 रूपये का जुर्माना लगाया है। इस संबंध में अगली सुनवाई 15 फरवरी को होने वाली है।
मानहानि मामले में जवाब दाखिल करने में 881 दिनों की देरी के लिए ठाणे की एक अदालत ने 500 रुपये का जुर्माना लगाया है। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के स्वयंसेवक विवेक चंपानेरकर ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। इस संबंध में अगली सुनवाई 15 फरवरी 2024 को है। चंपानेरकर के वकील और आदित्य मिश्रा ने यह जानकारी दी।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने एक बयान में कहा था कि 2017 में पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नाम जुड़ा हुआ था। इसके खिलाफ स्वयंसेवक विवेक चंपानेरकर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ एक रुपये के मुआवजे के लिए मानहानि का मुकदमा दायर किया था। इस मामले में राहुल गांधी ने बयान दाखिल करने में 881 दिन की देरी की थी और देरी के लिए अदालत से अपील की थी। उनके वकील नारायण अय्यर ने अदालत को बताया कि गांधी दिल्ली के निवासी और एक सांसद हैं, जिन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र और देश के अन्य हिस्सों में बड़े पैमाने पर यात्रा करनी पड़ती है। इसलिए वह समय पर अपना लिखित बयान दर्ज नहीं कर सके।
गांधी के आवेदन में यह भी कहा गया है कि यदि 881 दिनों की देरी माफ नहीं की गई, तो उन्हें अपूरणीय क्षति होगी, जिसकी भरपाई आर्थिक रूप से नहीं की जा सकती। यह दूसरी बार है जब गांधी ने वरिष्ठ डिविजनल सिविल मजिस्ट्रेट की अदालत से मामले को स्थानांतरित करने की मांग की है। जूनियर डिविजनल सिविल मजिस्ट्रेट की अदालत में मांग कर रहे हैं। यह उनकी देरी की रणनीति है। गांधी ने पहले जिला न्यायाधीश के समक्ष भी यही आवेदन दायर किया था, जिन्होंने जून 2022 में इसे खारिज कर दिया था। वकील मिश्रा ने राहुल गांधी के आवेदन का विरोध किया है।