




राज्य के नगर विकास व जिले के पालकमंत्री शिंदे कोरोना संक्रमण शुरू होने के समय से ठाणे जिले समेत पूरे राज्य में कोरोना संक्रमण की रोकथाम व उपचार के लिए कोविड अस्पताल बनाने , आरोग्य सामग्री मुहैया कराने में रात दिन जुटे रहे। राज्य के अनेक मंत्री ,अधिकारी , पुलिस व आरोग्य कर्मियों के साथ डाक्टर भी कोरोना की चपेट में आ गए। इन सबके बावजूद शिंदे अस्पतालों का दौरा करने व अधिकारीयों के साथ बैठक कर कोरोना मरीजों के लिए आक्सीजन बेड व उपचार सामग्री के अलावा मरीजों को आवश्यक सामग्री मुहैया करने का काम करते रहे। कोरोना को रोकने के लिए शुरू लाक डाउन में मजदूरों ,गरीबों ,जरुरतमंद लोगों को राशन ,खाद्य सामग्री का वितरण कराने , लाक डाउन में फंसे मजदूरों , विद्यार्थियों के लिए बस ,ट्रेन का प्रबंध कराने के लिए पालकमंत्री शिंदे अपनी परवाह न कर सेवा में लगे रहे। 29 सितम्बर को कोरोना संक्रमित होने पर ज्यूपिटर अस्पताल में उनके भर्ती होने की खबर मिलते ही उनके कोरोना मुक्त होने व लम्बी आयु के लिए लोग प्रार्थना का आयोजन कर मन्नतें गांग रहे थे। अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान वे अस्पताल से अपना कामकाज करते लोगों की सेवा में लगे रहे। आज पालकमंत्री शिंदे कोरोना को मात देकर ज्यूपिटर अस्पताल से घर आ गए। उनके स्वस्थ्य होकर बाहर आने पर ठाणे लोकसभा क्षेत्र शिवसेना उत्तर भारतीय प्रमुख शशि यादव , पूर्व परिवहन समिति सभापति दसरथ यादव , शिवसेना युवा नेता राहुल लोंढे , सामाजिक कार्यकर्ता धनंजय सिंह समेत बड़ी संख्या में लोगों ने ख़ुशी व्यक्त किया है।