मुंबई [ युनिस खान ] सोमवार पाडवा के दिन से मंदिर समेत सभी धार्मिक स्थल खोलने की राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घोषणा करते हुए कहा है कि यह श्री की इच्छा है। कोरोना संक्रमण के चलते राज्य में लाक डाउन लगाने से 22 मार्च से सभी धार्मिक स्थल बंद हैं। आज धार्मिक स्थलों को सोमवार से खोलने की घोषणा होते ही लोगों में ख़ुशी की लहर फ़ैल गयी है। मुख्यमंत्री ठाकरे ने नागरिकों से आवाहन करते हुए कहा कि दीवाली का मंगल पर्व शुरू है। प्रथा अनुसार अभ्यंग स्नान नरकासुर वध इ हो गया। नरकासुर रूपी चिराटी फोड़ दिया फिर भी करीब एक वर्ष से कोरोना रूपी नरकासुर के तांडव को भूल नहीं सकते। यह राक्षस धीरे धीरे ठंडा पड़ने लगा है फिर भी गाफिल रहने से चलने वाला नहीं है। राज्य की जनता ने कोरोना काल में दिशानिर्देश का अनुशासन की तरह पालन किया है। जिसके चलते अन्य राज्यों की तुलना में महाराष्ट्र की स्थिति हाथ बाहर नहीं गयी। महाराष्ट्र पर साधू , संतों ,देवी देवताओं की हमेशा कृपा रही है। इसके बावजूद होली ,गणेशोत्सव , नवरात्र , पंढरी की यात्रा नहीं हुई। यही नहीं अन्य धर्मों की ईद ,माउंट मेरी जैसे अनेक पर्व में दिश्निर्देशों का सबने पालन कर कोरोना संक्रमण को रोकने में सहयोग किया। उन्होंने धार्मिक स्थलों को खोलने के बारे में कहा की यह सिर्फ सरकारी आदेश नहीं बल्कि श्री की इच्छा है। कोरोना बंदी काल में डाक्टर , नर्स ,वार्ड ब्वाय रूप देव सफ़ेद वस्त्र में भक्तों ध्यान रख रहे थे। देव अपने में से ही थे , अब धार्मिक स्थल सोमवार 16 नवम्बर 2020 पाडवा के मुहूर्त से खोल रहे हैं। सरकार ने इस आशय का निर्णय लिया है लेकिन नियम व अनुशासन का सबको कड़ाई से पालन करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से प्रत्यक्ष प्रार्थना गृह में भीड़ टालो और खुद की सुरक्षा के साथ दूसरों की सुरक्षा का ध्यान रखों . मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि सरकारी आदेश नहीं श्री की इच्छा समझो , मंदिर में चप्पल निकालकर प्रवेश किया जाता है लेकिन मास्क आवश्यक किया गया इ यह भूलना नहीं है। मंदिर व अन्य धार्मिक स्थल खुलेंगे ,हम नियम का पालन करेंगे तभी देव का आशीर्वाद अपने महाराष्ट्र को मिलेगा। धार्मिक स्थलों को खोलने की मांग के बाद उचित समय पर राज्य सरकार के उचित निर्णय लेने पर सभी धर्मों के धर्मगुरुओं आम जनता ने सरकार के फैसले का स्वागत किया है। राज्य सरकार ने कोरोना की स्थिति को देखते हुए धीरे धीरे अन लाक को शिथिल किया है। नवम्बर तक पूरी तरह महाराष्ट्र से लाक डाउन समाप्त करने की संभावना व्यक्त की जा रही थी। सब कुछ ठीक रहा तो आगामी कुछ दिनों में उपनगरीय रेल में आम यात्रियों को आवागमन की सुविधा बहाल की जा सकती है।