ठाणे [ युनिस खान ] संविधान दिवस के अवसर पर कांग्रेस की ओर से केंद्र सरकार के पारित किसान और कामगार विरोधी विधेयकों के खिलाफ कामगार संगठनों ने मानव श्रृंखला बनाकर विरोध आंदोलन किया। इस अवसर पर केंद्र सरकार की किसान और कामगार विरोधी नीति की जमकर आलोचना की गई।
ठाणे शहर में स्थित मासुंदा तालाब पर विविध कामगार संगठनों के साथ सामाजिक संगठनों ने मिलकर जन आंदोलन किया। सघर्ष समिति के बैनर तले मानव श्रृंखला बनाकर विरोध प्रदर्शन किया है। मानव श्रृंखला में जन आंदोलन के राष्ट्रीय समन्वय, श्रमिक जनता संघ, हिंद मजदूर सभा, आयटक, इंटक, घरेलू कामगार संघटना, राज्य कर्मचारी संघटना, अंगणवाडी कर्मचारी संघटना, जनरल कामगार संघटना, अन्न अधिकार अभियान, स्वराज अभियान, म्युनिसिपल लेबर युनियन, म्युज फाऊंडेशन, व्यसनमुिक्त अभियान के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।
इस विरोध आंदोलन के माध्यम से किसानों तथा कामगारों के हितों से जुड़ी कई मांगें सरकार के समक्ष रखी गई। साथ चेतावनी दी गई कि यदि केंद्र सरकार इसे गंभीरता से नहीं लेती है तो आगे भी विरोध आंदोलन का सिलसिला जारी रहेगा। आंदोलन में कामगार नेता एम ए पाटील, जगदीश खैरालिया, संजय मंगला गोपाळ, सचिन शिंदे, भास्कर गव्हाळे, डॉ.संदिप वंजारी, लिलेश्वर बन्सोडे,निर्मला पवार, मुक्ता श्रीवास्तव, जगदीश उपाध्याय, बिरपाल भाल, धोंडिबा खराटे आदि शामिल हुए। कोरोना संकट को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए विरोध आंदोलन किया गया। आन्दोलन के बाद प्रतिनिधि मंडल जिलाधिकारी को अपनी मांगों का ज्ञापन दिया।
ठाणे शहर में स्थित मासुंदा तालाब पर विविध कामगार संगठनों के साथ सामाजिक संगठनों ने मिलकर जन आंदोलन किया। सघर्ष समिति के बैनर तले मानव श्रृंखला बनाकर विरोध प्रदर्शन किया है। मानव श्रृंखला में जन आंदोलन के राष्ट्रीय समन्वय, श्रमिक जनता संघ, हिंद मजदूर सभा, आयटक, इंटक, घरेलू कामगार संघटना, राज्य कर्मचारी संघटना, अंगणवाडी कर्मचारी संघटना, जनरल कामगार संघटना, अन्न अधिकार अभियान, स्वराज अभियान, म्युनिसिपल लेबर युनियन, म्युज फाऊंडेशन, व्यसनमुिक्त अभियान के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।
इस विरोध आंदोलन के माध्यम से किसानों तथा कामगारों के हितों से जुड़ी कई मांगें सरकार के समक्ष रखी गई। साथ चेतावनी दी गई कि यदि केंद्र सरकार इसे गंभीरता से नहीं लेती है तो आगे भी विरोध आंदोलन का सिलसिला जारी रहेगा। आंदोलन में कामगार नेता एम ए पाटील, जगदीश खैरालिया, संजय मंगला गोपाळ, सचिन शिंदे, भास्कर गव्हाळे, डॉ.संदिप वंजारी, लिलेश्वर बन्सोडे,निर्मला पवार, मुक्ता श्रीवास्तव, जगदीश उपाध्याय, बिरपाल भाल, धोंडिबा खराटे आदि शामिल हुए। कोरोना संकट को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए विरोध आंदोलन किया गया। आन्दोलन के बाद प्रतिनिधि मंडल जिलाधिकारी को अपनी मांगों का ज्ञापन दिया।