ठाणे [ युनिस खान ] कोरोना महामारी की शुरुआत से अब तक सब लोग मिलकर कोरोना को रोकने के लिए सभी स्तर पर अथक परिश्रम किया जा रहा है। जिसमें स्थानीय स्वराज संस्थाओं के साथ ही जन प्रतिनिधि भी अपना योगदान देते आ रहे है। विधायक , सांसद , नगर सेवक सभी अपनी जान की परवाह न कर 24 घंटे लोगों की सेवा की है। राज्य सरकार को कोरोना का टिका मिलते ही स्वास्थ्य कर्मचारी और पुलिस कर्मचारी के साथ ही जन प्रतिनिधियों को भी इसमें शामिल किया जाए। इस आशय की मांग महापौर नरेश म्हस्के ने मुख्यमंत्री उद्धव को एक पत्र भेजकर की है।
मुख्यमंत्री को भेजे निवेदन पत्र में महापौर ने कहा है कि राज्य में कोरोना संक्रमण शुरू होने से लेकर अब तक स्थानीय स्वराज्य संस्था के जनप्रतिनधि नगर सेवक के साथ-साथ विधायक, सांसद आदि ने अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना संक्रमितों की सेवा की है। महापौर का कहना है कि जबकि इन्हे पता था कि इनके लिए किसी भी प्रकार का जीवन बीमा सुरक्षा नहीं है फिर भी दिन-रात कोरोना मरीजों के लिए काम कर रहे है। जबकि कोरोना मरीजों की सेवा करते समय कईयों जन प्रतिनिधियों को अपनी जान भी गवानी पड़ी है। जिसमें मुख्य रूप से ठाणे के वरिष्ठ राकांपा नगर सेवक मुकुंद केणी, भाजपा नगर सेवक विलास कांबले, कल्याण-डोंबिवली के पूर्व महापौर राजेंद्र देवलेकर, नगर सेवक दशरथ घाडीगांवकर, मीरा-भाईंदर के नगर सेवक हरिश्चंद्र आमगावकर, पिंपरी चिंचवड के नगर सेवक दत्ता साने सहित मुंबई और वसई- विरार परिसर के कई जन प्रतिनिधियों का समावेश है जो एक कोरों योद्धा के रूप में मरीजों की मदद करते हुए संक्रमित होने से जान गवाया है हलांकि कई नगर सेवक संक्रमित होने के बाद स्वस्थ्य होकर फिर काम करने लगे हैं।
महापौर म्हस्के ने मुख्यमंत्री को दिए पत्र में उल्लेख करते हुए कहा है कि कोरोना महामारी का संकट आने और लॉकडाउन शुरू होने के बाद नागरिकों में भय का माहौल था। ऐसे कठिन समय में भी जन प्रतिनिधियों ने ऐसे लोगों को अन्न-धान्य की आपूर्ति करने, स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने, एंबुलेंस की व्यवस्था करने, कोरोना कोविड सेंटर में भर्ती कराने, जीवनावश्यक वस्तुओं का नियमित वितरण करने, कंटेनमेंट जोन निश्चित होने के बाद उसका कड़ाई से पालन कराने, लगातार स्थानीय लोगों और प्रशासन के बीच समन्वय स्थापित करने , जनता में कोरोना बीमारी के संदर्भ में जनजागृति करने, जरूरत पड़ने पर कोविड सेंटर में आवश्यक मदत करने जैसे काम में अग्रणी रहे हैं। अपनी जान हथेली पर रखकर पिछले सात से आठ महीने की कालावधि में निरंतर काम कर रहे है। महापौर का कहना है कि मनपा अधिकारी, कर्मचारी, डॉक्टर, नर्स और पुलिस सभी यंत्रणाओं के साथ कंधे-से कंधा मिलाकर प्रत्येक जनप्रतिनधि कोरोना काल में काम किया है। इसलिए जनहित में रात दिन काम करने वाले जनप्रतिनिधियों को कोरोना का टिका उपलब्ध कराने में प्राथमिकता दी जानी चाहिए।