ठाणे [ युनिस खान ] विधानसभा की तरह कोरोना की जांच कर वेबिनार के बदले प्रत्यक्ष महासभा का आयोजन करने की मांग विरोधी पक्षनेता अशरफ पठान शानू ने किया है। उन्होंने इस मुद्दे को लेकर मुंबई उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करने के साथ राकांपा प्रमुख शरद पवार व नगर विकास राज्यमंत्री प्राजक्ता तनपुरे को भी पत्र दिया है। उनका कहा है कि वेबिनार पर होने वाली महासभा की कार्यवाही अनेक नगर सेवकों के समझ में नहीं आती और वे अपने प्रभाग के विकास के मुद्दे नहीं उठा पाते हैं।
उन्होंने कहा है कि कोरोना संक्रमण के चलते मनपा की प्रत्यक्ष महासभा नहीं कर वेबिनार के माध्यम से हो रही थी। अब कोरोना संक्रमण में काफी कमी आ गयी है। नगर सेवको की ओर से प्रत्यक्ष महासभा आयोजित करने की मांग की जा रही है। पठान ने कहा है कि विधानसभा की तर्ज पर नगर सेवकों की कोरोना जांच कर प्रत्यक्ष महासभा का आयोजन किया जा सकता है। इसके लिए मनपा की डा बाबासाहेब आंबेडकर सभागृह में महासभा आयोजित करना संभव नहीं हो तो गडकरी रंगायतन या डा काशीनाथ घाणेकर सभागृह महासभा का आयोजन किया जाए। जिसमें सभी नगर सेवक आने प्रभागों की समस्या उठाने के साथ विकास के मुद्दे पर अपना पक्ष रख सकें। इस मांग को लेकर हमने एड. सुहास ओक के माध्यम से मुंबई उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर किया है। जिसका क्रमांक 3450 / 2021 है उसकी शीघ्र सुनवाई होने वाली है। पठान ने कहा है संसद का अधिवेशन शुरू है लोकसभा में 543 व राज्य सभा में करीब 250 सदस्य है। राज्य विधान सभा में 288 व विधान परिषद् में 78 सदस्य है। मनपा में 131 व 5 मनोनीत कुल 135 नगर सेवक है। इतने नगर सेवकों में सौ फीसदी नगर सेवक एक साथ उपस्थित नहीं रहने से इससे महासभा में इससे संख्या कम ही रहेगी। ऐसी स्थिति में कोरोना संक्रमण कैसे फैल सकता है जबकि सभी आवश्यक उपाय व सावधानी बरती जायेगी। विरोधी पक्षनेता पठान ने कहा है कि महासभा में सभी नगर सेवकों को अपने मुद्दे उठाने व विकास कार्यों पर चर्चा का अधिकार है उन्हें उनके अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता है। इसके लिए मनपा की महासभा वेबिनर के बदले प्रत्यक्ष रूप से महासभा का आयोजन किया जाना चाहिए।